बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 5 मार्च। आदिम जाति कल्याण विभाग की निगरानी में नवागढ़ ब्लाक में छात्रावास मरम्मत का कार्य कोई साल भर से अधिक समय से चल रहा। कार्य की गति को लेकर प्रशासन की चुप्पी समझ परे है। दूसरी तरफ मरम्मत पूर्व बड़े पैमाने में निकाले गए पुराने सरिया, खिडक़ी , दरवाजे, पंखे एवं अन्य सामग्री कहां है विभाग बेखबर है।
नवागढ़ ब्लाक मुख्यालय की स्थिति यह की गर्मी एवं परीक्षा दोनों ने दस्तक दे दी। डेढ़ साल में एक छात्रावास का मरम्मत मुकम्मल नहीं हो सका। रविवार को सुबह दस बजे जब नवागढ़ में छात्रावास की स्थिति जानने का जब प्रयास किया गया तो जो तस्वीर दिखी वह उच्च स्तरीय जांच योग्य है। रंग रोगन के बाद एक गेट में ताला जड़ दिया गया है। एक हाल में गरीब छात्र गुजारा करने विवश हैं। एक अतिरिक्त कक्ष का निर्माण छह महीने में पूरा नहीं हो सका है। दो माह पहले तक मरम्मत पूर्व पुराने छत से निकाली गई सरिया सहित सभी सामग्री एक हिस्से में रखी थी जो मौके से गायब है।
कुछ यही तस्वीर संबलपुर की है। मरम्मत पूर्व निकाली गई सामग्री किसके पास है कोई बताने वाला नहीं है। संबलपुर मरम्मत कार्य में लगे ठेकेदार पांडे से जब पुरानी सामग्री के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया की सभी पुरानी सामग्री निकालकर छोड़ दिए थे हमने कोई उपयोग नहीं किया है। यदि मौके पर नही तो हम जिम्मेदार नहीं है।
कहाँ गए सामान, जांच जरूरी
नवागढ़ ब्लाक में छात्रावास मरम्मत के स्टीमेट, एमबी, टेंडर, पुरानी सामग्री की उपयोगिता पर विभाग द्वारा अपनाए गए प्रक्रिया की पारदर्शी जांच की मांग करते हुए भाजपा नेता डीके सोनी ने कहा की स्कूल शिक्षा विभाग ने मरम्मत पूर्व नीलामी की प्रक्रिया अपनाई, आदिम जाति कल्याण विभाग ने क्या किया जांच जरूरी है। किसी भी कार्य के लिए सूचना बोर्ड नही है। लागत, समय सीमा का उल्लेख नहीं। कलेक्टर को तत्काल जांच टीम गठित करना चाहिए। सामग्री की जब्ती हो यदि किसी ने बेचकर सरकारी खजाने में राशि जमा नहीं की तो अपराध दर्ज हो।
सहायक संचालक आदिम जाति कल्याण विभाग आरएस टंडन ने बताया कि नवागढ़ ब्लाक के छात्रावास मरम्मत में सभी जगह निकले पुराने सामग्री किसके पास है, ठेकेदार एवं अधीक्षकों से पता करूंगा।