गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। राजिम कुंभ कल्प के विराट संत समागम अवसर पर जोधपुर से पहुंचे महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान स्वरूपानंद अक्रिय जी महाराज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि गाय माता सनातन धर्म की धुरी है। कोई भी शुभ कार्य गाय के बिना नहीं होता। ये बात सद्ग्रंथ वेद, पुराण, उपनिषद ने डंका बजाकर कहा। उन्होंने कहा कि गाय पूरे विश्व की मां है और पूजनीय है। प्राणी मात्र के लिए जैसे राम मनुष्य होते हुए भी मनुष्य नहीं है, वो भगवान है। ठीक वैसे ही गाय प्राणी मात्र की मां है। गाय को पशु कहने वाले गाय की गरिमा को नहीं पहचाना इसलिए गाय को पशुओं के नाम पर कत्लखानों में कत्ल हो रहा है। हम सरकार से निवेदन करते है कि इसे गाय के नाम से ही पुकारा जाए। मवेशी या कैटल का शब्द का प्रयोग पूर्ण बंद हो। यह हमारी पहली मांग है। जिस प्रकार मोर और ऊंट को मारने पर सजा का प्रावधान है। हिरण को मारने पर जेल हो सकती है। उसी प्रकार गौ हत्या करने वालो पर भी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। गाय को राष्ट्रीय धरोहर का सम्मान दिलाया जाए।