महासमुन्द

निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों के प्रवेश के लिए आवेदन शुरू
06-Mar-2024 3:39 PM
निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों के प्रवेश के लिए आवेदन शुरू

 212 स्कूलों का पंजीयन, पिछले साल से 5 कम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 6 मार्च। शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश को लेकर अधिकांश पालक अपने बच्चों के लिए बड़े स्कूलों का चुनाव कर लेते हैं, लेकिन वहां तय सीट के हिसाब से प्रवेश मिलता है। फलस्वरूप गत वर्ष जहां 217 स्कूलों का पंजीयन हुआ था, इसे घटाकर अब 212 स्कूलों का ही पंजीयन किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार आरटीई के तहत शैक्षणिक सत्र 2024-25 में निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों के प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया मार्च से शुरू हो गई है। दिसंबर में ही आनलाइन आरटीई पोर्टल के माध्यम से नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत वर्ष 2024-25 हेतु प्रवेश के लिए समयसारिणी जारी की है।

प्रथम चरण में चयनित बच्चों को आवंटित स्कूलों में दाखिला देने को प्रक्रिया पूरी की जाएगी। दूसरा चरण 15 जून से चालू होगा जिसमें 15 से 30 जून के मध्य नए स्कूलों का पंजीयन होगा। एक जुलाई से 3 जुलाई तक आवेदन, 9 से 15 जुलाई तक आवेदनों की जांच, 17 से 20 जुलाई तक लाटरी व आंवटन और 22 से 31 जुलाई तक स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया होगी। अंत में 1 से 30 अगस्त तक दो चरणों में बच्चों का प्रवेश होगा। उससे पूर्व एक से 28 फरवरी तक स्कूलों का पंजीयन और प्रोफाइल अपडेट किया जाएगा। इस साल जिलेभर के 212 स्कूलों ने पंजीयन कराया है। स्कूलों के पंजीयन के बाद प्रथम चरण में 1 मार्च से ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ हो गया है जो 15 अप्रैल तक चलेगा।

आगामी 17 मई तक नोडल अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद 20 से 30 मई के मध्य लॉटरी निकाली जाएगी। 1 से 30 जून को आनलाइन दावा प्रक्रिया होगी। जिले में चालू शिक्षा सत्र 2023.24 में 217 स्कूलों का आरटीई के तहत पंजीयन हुआ था।

इन स्कूलों में 1676 सीटें बीपीएल बच्चों के लिए आरक्षित थीं। उक्त सीटों के लिए जिलेभर से 3199 आवेदन प्राप्त हुए थे लेकिन दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान कई आवेदन रद्द कर दिए गए। इस वर्ष 1559 बच्चों का प्रवेश निजी स्कूलों में हुआ था और 117 सीटें खाली थी। ज्यादातर पालक बड़े स्कूलों का चयन करते हंै लेकिन वहां तय सीट के हिसाब से हो प्रवेश मिलता है। शेष बच्चे छूट जाते हैं।

इस कारण सीटें खाली रह जाती है। इस साल 212 स्कूलों का पंजीयन हुआ है जो गत वर्ष की अपेक्षा कम है।

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