महासमुन्द

धान खरीदी को एक माह बीते कई खरीदी केन्द्रों में उठाव बाकी
07-Mar-2024 2:41 PM
धान खरीदी को एक माह बीते  कई खरीदी केन्द्रों में उठाव बाकी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 7 मार्च।
धान खरीदी को पूूरे एक महीने गुजर चुुके हैं लेकिन अभी तक खरीदी केन्द्रों से अधिकांश धान का उठाव नहीं हुआ है। 
धान खरीदी नीति के अनुसार खरीदी होने के 72 घण्टे के भीतर उपार्जन केन्द्र से धान का उठाव किया जाना है, परंतु शाखा सरायपाली के 21 खरीदी केन्द्रों से 287959 क्विंटल एवं तोरेसिंहा के 11 उपार्जन केन्द्रों से 43665 क्विंटल धान का परिवहन अभी तक नहीं हो पाया है। सभी खरीदी केन्द्रों में अब परिवहन को लेकर फड़ प्रभारी परेशान हैं। 

मालूम हो कि विगत 1 नवंबर से शासन ने समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी शुरू की थी और 31 जनवरी तक खरीदी किया जाना था। लेकिन समय-समय पर मौसम खराब होने के कारण धान खरीदी नहीं होने से अंतिम तिथि को बढ़ाकर 4 फरवरी किया गया था। नियमानुसार धान खरीदी होने के 72 घण्टे के  भीतर उक्त धान का खरीदी केन्द्रों से उठाव हो जाना चाहिए था। इस वर्ष भी जिला सहकारी बैंक सरायपाली व तोरेसिंहा के 33 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में से 32 में धान का उठाव होना शेष है। केवल सरायपाली समिति से धान का उठाव हो चुका है। सबसे अधिक धान का उठाव केंदुवा समिति से बाकी है। 

इस संबंध में जिला विपणन अधिकारी का कहना है कि प्रदेश भर में महासमुंद जिले में सबसे अधिक धान खरीदी की गई है।  जिसमें से 90 प्रतिशत धान का उठाव हो चुका है। केवल 10 प्रतिशत शेष है। जिसके लिए शासन से आबंटन आने वाला है। आबंटन जारी होते ही मिलर्स के लिए डीओ कटेगा और 5-6 दिन में ही संपूर्ण धान का उठाव हो जाएगा। मिलर्स भी इसी प्रतीक्षा में हैं। 

धान की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए समिति को राशि जारी होती है। जिसके अनुसार वे सुरक्षा के सभी प्रबंध करते हैं। समितियों में सभी धान सुरक्षित हैं। किसी प्रकार के नुकसान नहीं हैं। जबकि समिति के अधिकारियों का कहना है कि स्टेग रहने के कारण चूहा, दीमक, अचानक वर्षा एवं सुखती से धान के वजन में कमी आएगी। जिसका खामियाजा कर्मचारियों, दैनिक वेतन भोगी और समिति को भुगतना पड़ेगा। वहीं गर्मी बढऩे पर प्लास्टिक का बारदाना फटना शुरू होगा। जिससे धान जमीन में गिरने लगेंगे। इसका खामियाजा भी समिति एवं फड़ प्रभारियों को भुगतना पड़ेगा। धान के परिवहन में विलंब के कारण यदि प्रत्येक बोरी से थोड़ी सी भी कमी आती है, तो आखिर में यह आंकड़ा हजारों क्विंटल का होगा। जिसकी भरपाई कर पाना किसी भी समिति के लिए टेढ़ी खीर है। 

मिला जानकारी अनुसार जिला सहकारी बैंक सरायपाली अंतर्गत धान उपार्जन केन्द्र अमरकोट में 18099.60 क्विंटल धान का उठाव नहीं हो सका है। इस संबंध में सरायपाली शाखा प्रबंधक बसंत पटेल का कहना है कि धान खरीदी समाप्त हुए एक माह बीत चुका है, लेकिन अभी तक सोसायटियों से पूरे धान का उठाव नहीं हुआ है। अधिक समय हो जाने के कारण अब उपार्जन केन्द्रों में धान को सुरक्षित रख पाना काफी मुश्किल हो गया है। समय पर धान का उठाव न होने से उसके रख.रखाव में समिति प्रभारियों को बहुत अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। यदि प्रत्येक बोरी से धान में थोड़ी सी भी सूखत या किसी भी प्रकार से कमी होती है, तो यह आंकड़ा सीधे हजारों क्विंटल में पहुंच जाएगा। ऐसे में इस नुकसान की भरपाई कर पाना बहुत ही कठिन होगा। उन्होंने बताया कि समतियों से मिलर्स के द्वारा धान का उठाव किया जाना है। लेकिन मिलर्स को डीओ ही जारी नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण परिवहन भी नहीं हो रहा है।

जानकारी अनुसार जम्हारी में 300.04 क्विंटल, आंवलाचक्का में 8919.60, बेहरापाली में 4141.80, नवरंगपुर में 7082.40, बाराडोली में 7794.40, बोंदा नवापाली में 10531.60, केदुवां में 35562.00, नवागढ़ में 23744.40, कनकेवा में 11216.80, केन्दुढार में 215.60,  भोथलडीह में 1171.60, लिमगांव में 4000, पुटका में 19294.80, लांती में 5618.40, चिंवराकुटा में 23203.20, सिंगबहाल में 25974.80,  रूढ़ा में 9052.40, सागरपाली में 13075.60, मल्दामाल में 30931.60, तिहारीपाली में 28055.20 क्विंटल कुल 287959.20 क्विंटल धान जाम है। जिनका उठाव होना शेष है। इसी तरह जिला सहकारी बैंक तोरेसिंहा अंतर्गत धान उपार्जन केन्द्र केना में 2839.60 क्विंटल, कोटद्वारी में 22376, तोषगांव में 64, केजुवां में 246.80, तोरेसिंहा में 2362, कुसमीसरार में 14772, गेर्रा में 25497.20, जोगनीपाली में 21.60, जंगलबेड़ा में 1544.80, बेलमुण्डी में 18110 एवं सिरबोड़ा में 11693.20 क्विंटल कुल 43665.40 क्विंटल धान रखा हुआ है,े जिनका उठाव होना शेष है।

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