दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 8 मार्च। प्रदेश सरकार द्वारा शुभारंभ किए दो दिवसीय क्लाइमेंट चेंज कान्क्लेव का विरोध जताते हुए सर्व आदिवासी समाज बचेली शाखा के अध्यक्ष एमआर बारसा ने इस कार्यक्रम को सरकार का ढोंग बताया है। उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा कि यदि सरकार को सच में पर्यावरण की चिंता होती तो हसदेव जंगल की कटाई नही करते। इस कटाई के दौरान हजारों आदिवासियों द्वारा किये जा रहे विरोध के खिलाफ नहीं होती सरकार। तब पर्यावरण की चिंता नहीं हुई।
दक्षिण बस्तर में कैम्पा बैठक कर चैड़ी सडक़ बनाने के लिए पेड़ काटे जा रहे हंै। क्या यह चिंता का विषय नहीं है? हसदेव जंगल बचाने में आदिवासी और पर्यावरण प्रेमी आंदोलनरत हैं।
सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग ने भी हसदेव जंगल कटाई पर एक दिन का संभाग बंद का आव्हान किया था। ये अंादोलन पर्यावरण बचाने के लिए किया गया। इन पर्यावरण बचाने के आंदोलनों को कुचल कर इस प्रकार के पर्यावरण बचाने के कान्क्लेव करना कहां की बुद्धिमानी है। जो पर्यावरण को बचाने के लिए आंदोलनरत हैं, उनकी सराहना करनी चाहिए। पर्यावरण है तो हम है।ं
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार के द्वारा गत दिनों दो दिवसीय छग क्लाइमट चेंज कॉन्क्लेव 2024 का शुभारंभ किया। जिसमे सीएम साय ने कहा था कि जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व के लिए विकराल समस्या है। जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के कारण अनियिमित वर्षा , लंबे समय तक सूखा, चक्रवाती वर्षा जैसी चुनौतियां पूरी दुनिया के साथ ही देश और प्रदेश के सामने भी है। इस दौरान प्रदेश वनमंत्री, मुख्य वन सरंक्षक, वन विभाग के सभी उच्चाधिकारी भी मौजूद रहे थे।