दन्तेवाड़ा
![शिवमहापुराण की कथा सुनने कुरुद पहुंचीं कौशिल्या देवी साय शिवमहापुराण की कथा सुनने कुरुद पहुंचीं कौशिल्या देवी साय](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1716042358018.jpg)
पं. प्रदीप मिश्रा से लिया आशीर्वाद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 18 मई। कुरुद में आयोजित 7 दिवसीय शिवमहापुराण कथा के दूसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा सुनने पहुंची मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पत्नी कौशिल्या देवी साय एवं श्रद्धालुओं की अपार भीड़ को बताया कि मन की शुद्धि के बिना भगवान को पाना असम्भव है। शंकर को प्रसन्न करने धन, वैभव नहीं मन का शुद्धिकरण जरुरी है। शिव नाम का जाप कर दूसरों का सम्मान और उपकार करें इससे आपका भी भला होगा। उन्होंने गरीब और निसंतान के अपमानित होने का उल्लेख करते हुए कहा कि शिव शंकर से हर कोई यही प्रार्थना करें कि कभी किसी पुरुष की जेब और विवाहित महिला की गोद खाली न हो।
शुक्रवार को कथा प्रारंभ होने से पूर्व सीएम साय की पत्नी कौशिल्या साय, विधायक अजय चंद्राकर, पूर्व विधायक रंजना साहू, पूर्व नपं अध्यक्ष रविकांत चन्द्राकर, ज्योति-भानु चन्द्राकर, भूपेंद्र चन्द्राकर आदि ने व्यासपीठ से आशीर्वाद लिया।
इस मौके पर श्रीमती साय ने कहा कि लाखों लोगों की तरह वो भी भगवान शिव की कथा श्रवण करने आयी है। भगवान शिव से मैंने जो मांगा मिला है। आज छत्तीसगढ़ में सुख शांति और समृद्धि की कामना लेकर यहां आई हूं।
कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि शिवमहापुराण मुख्य दो बातों पर आधारित है,पहला भगवान शिव का नाम, दूसरा औरों का सम्मान। मन में छल कपट, बुरे विचार भरें हैं तो भगवान को नही पा सकते। विभिन्न कथा प्रसंग के माध्यम से वें श्रद्धालुओं को सनातन धर्म और आराध्य देव के प्रति आस्था, श्रद्धा और विश्वास का पाठ पढ़ा रहे हैं। आस्था में आडंबर को दिखावा बताते हुए प्रदीप मिश्रा ने कहा कि लोग अपने को चाहे जितना सजा लें लेकिन जब तक अपने भीतरी मन साफ नहीं है तब तक भगवान शिव प्रसन्न नहीं हो सकते। कथा के एक दिन पहले तक यहां आसमान तप रहा था, लेकिन पिछले दो दिनों में आसमान पे बादल छाए हुए हैं जिससे लोगों को तेज धूप एवं गर्मी से राहत मिली है।
शिवमहापुराण की कथा सुनने दिनों दिन भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालुओं के बैठने के लिए आयोजकों द्वारा रोज पंडाल बढ़ाया जा रहा है। कथा श्रवण करने धमतरी जिला के अलावा मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड, उत्तरप्रदेश से भी लोग पहुंचे हैं। शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस प्रशासन के साथ साथ आयोजन से जुड़े लोगों का सराहनीय योगदान मिल रहा है।