गरियाबंद

धर्म एक ऐसा वाद्ययंत्र है जिसे जैसे बजाया जाएं मधुर आवाज ही आती है-साध्वी प्रज्ञा भारती
09-Mar-2024 3:47 PM
धर्म एक ऐसा वाद्ययंत्र है जिसे जैसे बजाया जाएं  मधुर आवाज ही आती है-साध्वी प्रज्ञा भारती

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजिम, 9 मार्च। राजिम कुंभ कल्प के सांस्कृतिक मंच पर संत समागम के पांचवे दिन ऋषिकेश से पधारे चेतन जी महाराज ने कहा भारत देश ऐसी पुण्य भूमि है जो संपूर्ण मानव समाज की अग्रज है। भा का अर्थ होता है प्रकाश परमपिता के पास स्वयं का प्रकाश है। भगवान का सर्वश्रेष्ठ दान सद्बुद्धि है सद्बुद्धि के लिए गायत्री मंत्र की उपासना जरूरी है आज हमारे समाज में धर्म और विधर्म के बीच संघर्ष चल रहा है कई लोग धर्मांतरण कर रहे है सनातन पथ से विचलित हो रहे हैं, क्योंकि हममें संगठन का आभाव है आज हम सभी के लिए एक चिंतन का विषय है बैठकर ध्यान करें। भविष्य की रचना करें तो कोई भी विधर्मी हमारी संस्कृति को तोड़ न पाये तभी भारत की भूमि विश्वगुरू बन सकती है

संतों की सेवा करने से जीवन सुखमय होता है - अरूण भारती

साध्वी अरूणा भारती ने कहा कि ये कुंभ कल्प सागर में गागर भरने के लिए संत भक्तिरूपी गंगाजल लेकर आये है। जिसे हदय रूपी संत मिलन को चलिए, तज माया अभिमान। संत महात्मा आपको जगाने के लिए आये हैं। भक्तिरूपी शक्ति प्रदान करने आये है। संतो की सेवा करने से जीवन सुखमय होता है। वे सद्कार्य की शिक्षा देते है। उनके बताये मार्ग पर चले आज पूरा राजिम कुंभ राममय बना है यह छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के मेहनत और संतो के आशीर्वाद का परिणाम है। जिस शासन ने पांच साल तक राम की भक्ति नहीं किया और संतो की उपेक्षा किये वे आज पछता रहे होंगे और सोचते होंगे कि अगर हम भी साधु संतो महात्माओ3 का आशीर्वाद प्राप्त करते तो आगे और शासन करते।

हरिद्वार से आये संत ओमप्रकाश शास्त्री ने कहा पंच देव की उपासना करें। सूर्य, गणेश, शिवजी, दुर्गा और विष्णु अगर हम निरंतर इनकी उपासना करते रहें तो संकट से उबरने के उपाय मिलते रहेंगे। देवों के देव महादेव सबसे दयालु है मात्र एक लोटा जल से अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते है। सच्चे हदय से उन्हें पुकारने से वे भक्त के पास अवश्य आतेे है। साध्वी गीतामणि राधा स्वामी ने कहा शिव जी को जल चढ़ाने के साथ अपनी बुराई को भी अर्पित कर देना चाहिए हर व्यक्ति के अंदर राम होता है। केवल उन्हें पहचानने की आवश्यकता होती है।

आनन शरण महाराज ने कहा राम का मतलब तुझमें भी राम मुझमें भी राम। संस्कार और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हमारे पर्यटक और संस्कृति मंत्री के द्वारा भरपूर प्रयास किया जा रहा है। साध्वी प्रज्ञा भारती ने कहा धर्म एक ऐसा वाद्य यंत्र है जैसे भी बजाएं मधुर स्वर निकलता है। यदि किसी अनाड़ी को दे दिया जाये तो स्वर बिगड़ जाता है। राजीव लोचन महाराज ने कहा राम का प्रिय भूमि छत्तीसगढ़ है हमारे छत्तीसगढ़ में भाचा के बिना मामा का काम नही चलता परमपिता राम तो हमारे रिश्तेदार है। राम हमर भाचा हे कृष्ण हमर भाटो जे नई माने ओला कोड़ के पाटो।

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