गरियाबंद

भगवान को प्राप्त करने गुरू की शरण में जाना पड़ता है-शंकराचार्य मोहनशरण महाराज
09-Mar-2024 3:47 PM
भगवान को प्राप्त करने गुरू की शरण में जाना पड़ता है-शंकराचार्य मोहनशरण महाराज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजिम, 9 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में संत समागम के चौथे दिन नेपाल से पधारे जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी बालसंत मोहनशरण महाराज ने कहा कि भगवान को सीधे प्राप्त नही कर सकते उन्हें पाने के लिए गुरू की शरण में जाना पड़ता है। धर्नुधर अर्जुन ने भी भगवान श्री कृष्ण से अनुरोध किया तभी भगवान ने रणक्षेत्र में गीता का उपदेश दिया। हरि और हर के मध्य में महानदी प्रवाहित हो रही है जिससे राजिम कुंभ कल्प दिव्य रूप में हो रहा है, जिससे सनातन धर्म का उत्थान हो रहा है। भगवान श्री कृष्ण ने कहा है संतों का निरादर नहीं करना चाहिए क्योंकि संत ही मेरा स्वरूप है। उठो, जागो और ज्ञान प्राप्त करो। उसे राष्ट्र के लिए समर्पित करो महापुरूषों के सानिध्य में जाकर ही जीवन धन्य होगा। यहां मेरा आगमन तेरह साल बाद हुआ है मैं तो भूल ही गया था राजिम में भी ऐसे आयोजन होता है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल जी ने अनुरोध किया राजिम आने का जिसे मैने सहर्ष स्वीकार कर लिया। यहां तो ज्ञान कि गंगा बह रही है जिसका लाभ सभी को मिल रहा है।

पांच सौ वर्षों के बाद पीएम ने रामलला

का मंदिर बनवाया - प्रेमानंद महाराज

मुंबई से पधारे प्रेमानंद महाराज ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि जो दशरथ नंदन राम का विरोधी हो, जनक नंदिनी माता सीता को प्रेम न करता हो ऐसे व्यक्ति का तुरंत त्याग कर देना चाहिए। जैसे भक्त प्रहलाद ने हिरण्यकश्यप का, भरत ने माता कैकेयी का और छत्तीसगढ़वासियो ने दूषित शासन का त्याग कर दिया। न पैसा लगता है न मेहनत लगता है जय जय श्री राम बोलना हमें अच्छा लगता है। पांच सौ वर्षो के लंबे इंतजार के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामलला का भव्य नूतन मंदिर बनवाया और राम जी की प्राण प्रतिष्ठा हुई। देश के अंदर राम रूपी आस्था और श्रद्धा की लहर चली। उन्होंने हिन्दू समाज को संगठित करके रामोत्सव को राष्ट्रीय पर्व बना दिया। सनातन धर्म से विकृत वायरस को निकालने का काम किया है और भारत को विश्वगुरू बनाने का अनोखा कार्य किया। इसके लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने और संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल जी को बहुत-बहुत साधुवाद।

जो राम का नहीं है, वो किसी काम

का नहीं है - जालेश्वर महाराज

प्रवचनकर्ता जालेश्वर महाराज ने कहा कि 22 जनवरी 2024 एक ऐतिहासिक पल है जिसमें हम सभी ने श्रीराम लला के दर्शन किये उनकी कृपा दृष्टि का ही परिणाम है कि आज हम रामोत्सव राजिम कुंभ कल्प भव्य और दिव्य रूप से मना रहें है। राम जन्मभूमि संतो के आशीर्वाद का परिणाम है, जो राम का नही है, वो किसी काम का नहीं है। जिसने भी राम का विरोध किया है वो मनुष्य नहीं है। राम मर्यादा संस्कार, संस्कृति, संयम, सद्व्यवहार है। धर्म की रक्षा के लिए राम का अवतार हुआ है। यह समय अब कहने और सुनने का नहीं है कर दिखाने का है राम जी को लाये है तो राम का बनकर रहना होगा धर्म का पालन निष्ठा से करें।

बच्चों को प्रतिदिन हनुमान चालीसा

पढ़ाना होगा - नवल गिरि

महामंडलेश्वर नवल गिरि महाराज ने कहा कि धर्म को स्थापित कर प्रधानमंत्री ने रामराज्य लाने का संकल्प लिया है। जिसने राम को लाया है उसे लाने वालो को भी हमें लाना है। सबने भारत की ताकत को जान लिया है। अब हम सभी को मिलकर कुछ काम करना होगा और रामराज्य के लिए प्रयास करना होगा। प्रतिदिन अपने बच्चों को हनुमान चालीसा पढ़ाना होगा और देश में बढ़ रही वृद्धाश्रम रोकना है।

संतों के अमृत वचनों से सभ्य समाज परिवार व राष्ट्र का निर्माण होगा - विश्वप्रकाश तिवारी

शांतिकुंज के जीवन दायिनी विश्वप्रकाश तिवारी जी ने कहा अयोध्या में श्री रामलला के आने से ऋषि परंपरा प्रतिष्ठित हो रही है। देश के प्रधानमंत्री ने संकल्प लिया है वसुधैव कुटुंबकम के निर्माण का भारत वर्ष पुन: अपनी गरिमा को प्राप्त करने जा रहा है। सतयुग की वापसी होगी, धरती युद्ध मुक्त होगी। संतों के अमृत वचनों से सभ्य समाज परिवार और राष्ट्र का निर्माण होगा। चारों तरफ ज्ञान की गंगा बहेगी। राम राज्य के रूप में बड़ा महोत्सव होने जा रहा है रामलला के आगमन से धर्म संस्कृति का निर्माण होगा। संत समागम के अवसर पर अन्य संतों ने भी अपने आशीषवचन दिए।

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