बेमेतरा

नेशनल लोक अदालत: गृहस्थी उजडऩे से बच गई, दो मामलों में दंपति खुशी-खुशी लौटे
10-Mar-2024 2:17 PM
नेशनल लोक अदालत: गृहस्थी उजडऩे से बच गई, दो मामलों में दंपति खुशी-खुशी लौटे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 10 मार्च।
विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा के तत्वावधान में बेमेतरा जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत के अवसर पर परिवार न्यायालय बेमेतरा की प्रधान न्यायाधीश नीलिमा सिंह बघेल के द्वारा परिवारिक मामले में 2 दम्पत्तियों को एक साथ सुलाह-समझौता कर न्यायालय से राजी-खुशी घर भेजा गया। 

पहले प्रकरण में पति राजेश (परिवर्तित नाम) ने अपनी पत्नी मोहिनी (परिवर्तित नाम) के विरूद्ध वैवाहिक जीवन की पुनस्र्थापना का वाद पेश किया था। दोनों का विवाह वर्ष 1995-96 में सम्पन्न हुआ था और दोनों की 5 बालिग संतान है। वर्ष 2018 से दोनों के मध्य गंभीर विवाद होने से पत्नी ने अपने पति को घर से निकाल दी थी तथा पति दूसरी बस्ती में घर बनाकर रह रहा था। पति हर प्रकार से अपनी पत्नी और बच्चों को मनाने का प्रयास कर चुका था। असफल होने पर उसने परिवार न्यायालय में वाद पेश किया था। परिवार न्यायालय खंडपीठ की पीठासीन अधिकारी नीलिमा सिंह बघेल ने दोनों पति-पत्नी को उनके आयु, उनके और बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए दोनों के बीच सुलह कराई। राजीनामा के आधार पर समाप्त किया गया। दोनों पक्ष राजी-खुशी अपने घर लौट गए।

वहीं दूसरे मामले में पत्नी पूनम (परिवर्तित नाम) ने अपने पति विमल (परिवर्तित नाम) के विरूद्ध भरण-पोषण का केश किया था। उसने महिला सेल में भी शिकायत की थी। उक्त प्रकरण में दोनों पति-पत्नी लगभग 8 माह से अलग-अलग रह रहे थे। न्यायाधीश नीलिमा सिंह बघेल द्वारा दोनों पक्षों को विवाह के महत्व को समझाते हुए उन्हें एक-दूसरे का साथ न छोडऩे एवं हर परिस्थिति में एक-दूसरे का साथ निभाने का वचन लेते हुए न्यायालय से विदा किया गया। परिवार न्यायाधीश द्वारा दोनों प्रकरण के पक्षकारों को विदाई के समय तुलसी का पौधा तथा नारियल दिया गया, एक-दूसरे को माला पहनवाकर एवं मिठाई खिलाकर अच्छा जीवन जीने के लिए शुभकामनाएं देकर विदा किय गया। इस पूरे प्रयास के दौरान सदस्य अधिवक्तागण लाल बहादूर शर्मा एवं पी. राजेश्वरी तथा परिवार न्यायालय के समस्त स्टाफ भी उस सुखद पल के साक्षी बने।

मृतक की 3 पत्नियों व संतानों के बीच 12 लाख रुपए का किया बंटवारा 
जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना अधिकरण खंडपीठ के पीठासीन अधिकारी पंकज कुमार सिन्हा द्वारा मोटर दुर्घटना में मृतक की तीन पत्नियों एवं उनके संतानों को क्षतिपूर्ति राशि राजीनामा के माध्यम से कानूनी आधार पर प्रदान करने का अवार्ड पारित किया। 

मृतक की तीनों पत्नियों ने अपने संतान के लिए भी क्षतिपूर्ति राशि का दावा किया था। इस प्रकरण के निराकरण में नेशनल लोक अदालत के खंडपीठ कमांक 3 श्री पंकज कुमार सिन्हा, प्रथम मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण बेमेतरा के न्यायालय में मोटर दुर्घटना से मृत मृतक की तीनों पत्नियों सहित उनके सभी संतानों के बीच न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के साथ कुल 12 लाख रूपया में समझौता किया गया और उक्त 12 लाख रूपये को मृतक की तीनों पत्नियों एवं उनके संतानों के बीच कानूनी अंश के अनुसार बंटवारा किया गया। 

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