बेमेतरा
बेमेतरा 10 मार्च। सर्वतोमुखी समाधान शिक्षा संस्कार समिति द्वारा संचालित समाधान महाविद्यालय एवं समाधान आईटीआई में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से किया गया। अतिथियों का सम्मान स्वागत गीत एवं तुलसी के पौधे व तिलक से किया गया।
समिति की अध्यक्ष डॉ. अलका तिवारी ने स्वागत भाषण में कहा कि महिलाओं की सफलता में परिवार, समाज व आसपास के वातावरण का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं। स्त्रियों को निरंतर खुश रहने का आग्रह किया क्योंकि जब आप खुश रहते हैं तो आपके कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती हैं।अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति निरंतर जागरूक रहने का मार्गदर्शन दिया।
महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ.अवधेश पटेल ने नारी शक्ति के महत्व को साझा करते हुए कहा कि महिलाएं शिक्षा, चिकित्सा, राजनीति व व्यवसाय के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रही हैं । एक स्त्री बेटी, बहन, पत्नी व माता सभी रूपों में पूजनीय होती हैं । शरीर के आधार पर स्त्री व पुरुष अलग हैं, लेकिन जीवन की समझ के आधार पर दोनों एक ही हैं । इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव जसविंदर कौर अजमानी मलिक रही।
उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि महिलाएं अपने जीवन में निरंतर संघर्ष कर आगे बढ़ रही हैं। आप अपना आत्मसम्मान करें व स्वयं से प्रेम करें तभी समाज आपका सम्मान करेंगा। जब आप मानसिक रूप से शांत रहते हैं, तब आप कठिन परिस्थितियों में रहते हुए भी उस समस्या का समाधान प्राप्त कर पाते हैं। अपराध की शुरुआत विकृत मानसिकता के कारण होती हैं।हमें स्वयं की वास्तविक पहचान प्राप्त कर जीवन में आगे बढऩा हैं। आप जिस चीज से भरे होते हैं वही उभर कर सामने आता हैं। जीवन में आने वाली सभी चुनौतियों को स्वीकार करें। अच्छे विचारधाराओं को अपनायें व उससे स्वयं को उन्नत करें।
पुलिस उपअधीक्षक कौशल्या साहू ने कहा कि संविधान में महिलाओं व पुरुषों को समानता का अधिकार प्रदान किया गया हैं । इस जागरूकता के बाद शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में महिलाएं आत्मनिर्भर हुई हैं। समानता का सही प्रकार से प्रयोग करने का दायित्व स्वयं पर निर्भर करता हैं। हमें समाज की सोच में परिवर्तन लाना होगा, तभी कानून का सही सदुपयोग हो पाएगा।
जिला अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर डॉ. खुशबू देवांगन ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि प्रत्येक नारी को सम्मान दें व उनके द्वारा प्राप्त उपलब्धियों पर उत्सव मनायें। कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहकर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने का भी सुझाव दिया। बेमेतरा जिले के प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से शशि दीदी ने कहा कि नारी के अंदर जन्मजात गुण हैं।
महिलाएं ही परिवार में संस्कार, प्रेरणा व शक्ति को परिपूर्ण करती हैं। बस उनका एक कार्य करना शेष रह गया है कि वह अपनी स्वयं की विशेषताओं को पहचान कर आत्मसात करें व अपने कर्तव्यों को पूर्ण करें।
स्वराज्य परिसर से चेतना विकास मूल्य शिक्षा की शिक्षाविद अनामिका वरु ने महिलाओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के विकास में स्त्री व पुरुष दोनों की अहम् भूमिका होती है।