दन्तेवाड़ा
एनएमडीसी के नर्सिंग प्रशिक्षण में अजा छात्राओं को भी लाभ देने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 10 मार्च। एनएमडीसी के द्वारा हैदराबाद के अपोलो स्कूल ऑफ नर्सिंग में प्रशिक्षण देने के लिए अनुसूचित जाति (एससी) की छात्राओं को भी इससे लाभ देने की मांग महार समाज ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा।
8 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व व अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एक दिवसीय प्रवास पर दंतेवाड़ा पहुंचे थे। महार समाज के एक प्रतिनिधि मंडल ने सीएम को स्वागत कर उनसे मुलाक़ात की और ज्ञापन दिया।
समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि एनएमडीसी द्वारा बालिका शिक्षा योजना अंतर्गत बस्तर संभाग के अनुसूचित जनजाति के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली छात्राओं को अपोलो स्कूल ऑफ नर्सिंग हैदराबाद में तीन वर्षीय जीएनएम एवं चार वर्षीय बीएसएस नर्सिंग प्रशिक्षण दिया जाता है। लेकिन इसमें सिर्फ अनुसूचित जनजाति (एसटी) की छात्राएं ही शामिल हंै।
महार समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि एनएमडीसी द्वारा चलाई जा रही यह योजना प्रशंसनीय है, हमारी मंाग है कि बस्तर संभाग के सभी अनुसूचित जाति की गरीब छात्राओं को भी प्रशिक्षण में प्रवेश दाखिल कर लाभ दिये जाने से भविष्य उज्जवल होगा।
सीएम से मुलाक़ात के दौरान शंकरलाल गांधरला, सत्यम कोंडागुरला,देवेन्द्र कुमार चापडी,ओनेशवर झाड़ी,पापैया मामीडकर,रेवेंद्र कुमार झाड़ी व अन्य मौजूद रहे।
एनएमडीसी के सीएमडी को भी ज्ञापन देकर मांग कर चुके हैं। गत दिनों पूर्व समाज के द्वारा इस संबंध में एनएमडीसी के सीएमडी के नाम ज्ञापन बचेली परियोजना प्रमुख को सौंपा जा चुका है।
समाज के अध्यक्ष ने बताया कि पूर्व में अजा/अजजा वर्ग के छात्र-छात्राओ को छात्रवृत्ति का लाभ प्रदाय किया जा रहा था विगत वर्षा से केवल छात्राओ को ही छात्रवृत्ति का लाभ प्रदाय किया जा रहा ह जिसे पूर्व की भांति सभी वर्ग के छात्रो को भी छात्रवृत्ति का लाभ दिये जाने का निवेदन समाज ने किया है।
ज्ञातव्य है कि एनएमडीसी बचेली सीएसआर के तहत बालिका शिक्षा योजना अंतर्गत बस्तर संभाग की आदिवासी (अनुसूचित जनजाति) की छात्राओ को हैदराबाद में नि:शुल्क नर्सिंग पाठयक्रम में प्रवेश दिलाता है।
जिसके लिए चयन प्रक्रिया भी होती है, जिसमें लिखित परीक्षा आयेाजित होती है। इस योजना अंतर्गत चयनित छात्राएं पढ़ाई के उपरांत बस्तर व अन्य स्थानो पर विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी अस्पतालो में चयनित होकर कार्य करती हैं।