बेमेतरा

बेमौसम बारिश: किसानों को चौतरफा नुकसान
20-Mar-2024 3:14 PM
बेमौसम बारिश: किसानों को चौतरफा नुकसान

केला व पपीता के पेड़ गिरे, चना, मसूर, गेहूं, तिवरा की फसल बर्बाद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 20 मार्च।
जिले में 24 घंटे के दौरान 40 एमएम बारिश हुई। असमय बारिश की वजह से जनजीवन प्रभावित हुआ। गर्मी के मौसम में तीन दिवस में करीब 74 एमएम बारिश हुई। मंगलवार को बारिश होने के आसार है। बारिश की वजह से किसानों को चौतरफा नुकसान हो रहा है। बारिश की वजह से फसल खराब होने की स्थिति को देखते हुए राज्य कार्यालय ने फसल क्षति का आंकलन करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

आंधी-तूफान व बारिश की वजह से चना, गेहूं व मसूर को भारी नुकसान हुआ है। अनाज के आलावा केला, पपीता, मुनगा, टमाटर व अन्य सब्जियों को नुकसान हुआ है। अचानक बारिश होने की वजह से जिले के कास्तकारों को चौतरफा नुकसान होने की आशंका है। शनिवार से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। खेतों में काटकर रखा चना का करपा एक फीट से अधिक पानी में डूब गया है। उसके अंकुरित होने का खतरा बढ़ गया है। ग्राम लोलेसरा के किसान भगवानी वर्मा ने बताया कि चना की फसल से किसानों ने उम्मीद करना छोड़ दिया है। किसान प्रकाश कुमार ने बताया कि चना की किस्म बारिश की वजह से कमजोर होगी। ग्राम खाती निवासी प्रकाश साहू, श्रवणकुमार, देवनाथ व परमेश्वर ने बताया कि वर्तमान में चना, मसूर, तिवरा, गेंहू की फसल बर्बाद होते नजर आ रही है। फसल हाथ आ गया तो बेचना मुश्किल होगा। ग्राम कंतेली के किसानों ने बताया कि उसे गांव में चना, मसूर, तिवरा, चना व गेहूं की फसल चौपट हो गई है। इसी तरह की स्थिति साजा ब्लॉक के सहसपुर, लालपुर, परसबोड़ भेडऱवानी, कुरलु, चेचानमेंटा, माटरा समेत कई गांव में है। किसानों को भारी नुकसान हुआ है। ग्राम अमचो के किसान डुकेश्वर चंद्राकर का कहना है कि अब और बारिश हुई तो चने की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। पहले ही शीतलहर के चलते पाला पडऩे से चना-मटर की फसल खराब हो गई है। इसके बाद उकसा रोग लगने से स्थिति और बिगड़ गई है। ऐसे में फिर बारिश हुई तो फसल नहीं बचेगी। किसान इंद्रजीत ने बताया कि इस बारिश में चना, गेंहू, मटर, मसूर और तिवरा को नुकसान हुआ है। जिले के चारों ब्लॉक बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ के 150 से अधिक गांवों की फसल बारिश के चपेट में आ गई हैं।

जानकारी हो कि जिले में 62000 हेक्टेयर में चना की खेती की जा रही है। वही 58000 हेक्टेयर में गेहूं की खेती हो रही है। वर्तमान में दोनों फसलों की 30 फीसदी रकबा की फसल कटाई की जा चुकी है। जिसमें से अधिकांश फसल खेतों में ही रखी हुई हैं। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जिले में करीब 80-90 हजार हेक्टेयर की फसल बीते तीन दिनों के बिगड़े मौसम से प्रभावित हुई हैं। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार फसल काटने के 14 दिन के अंदर नुकसान होने की स्थिति में बीमा क्लेम के दायरे में माना जाता है।

टमाटर, गोभी, मुनगा, पपीता व केला को भारी क्षति  
गत 96 घंटे में मौसम का रूख बदलने की वजह से किसानों के माथे पर पसीना आने लगा है। हडग़ांव के किसान विनय कुमार पटेल ने बताया कि आसपास के ग्राम डरजरा, भेडनी, हडगांव में पपीता, केला व मुनगा को भारी नुकसान हुआ है। ग्राम बैजलपुर के सुनील राजपूत ने बताया कि उसे और गांव के प्रमिल साहू, सुधीर ठाकुर के पपीता व केला के 2000 से अधिक पेड़ गिर गए हैं। रोहित पटेल ने बताया कि मुनगा व केला की फसल आंधी की भेंट चढ़ गई है।

आदेश आ गया है, बीमा कंपनी को सूचित करें  
असमय वर्षा व ओलावृष्टि से क्षेत्र में रबी फसलों को नुकसान होने की आशंका है। उपसंचालक कृषि मोरध्वज डड़सेना ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसलो को नुकसान होने की स्थिति में बीमित किसानों को इसकी सूचना बीमा कंपनी, कृषि विभाग ,राजस्व विभाग व बैंक को 72 घंटे के अंदर देनी होगी। बीमित कृषक को उसके व्यक्तिगत खेत स्तर के आधार पर क्षतिपूर्ति का प्रावधान है। किसी भी गांव में 25 प्रतिशत से ज्यादा हानि होती है तो वहां पर जिला स्तरीय संयुक्त समिति द्वारा नमूना जांचकर क्षतिपूर्ति का निर्धारण किया जाएगा।

बारिश से फसल तबाह, क्षति का मुआवजा जारी करने रखी मांग 
नवागढ़ सहित पूरे विधानसभा में गत तीन दिनों से रुक-रुक कर हुई बारिश से रबी फसल को बड़ा नुकसान हुआ है। ग्राम मजगांव निवासी किसान संतोष साहू ने बताया कि असमय बारिश से गेंहू, चना, तिवरा की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है। समाज सेविका भारती गंधर्व ने राज्य सरकार से किसानों को तत्काल फसल क्षति का मुआवजा देने की मांग की है। इधर उप संचालक कृषि ने कृषि एवं राजस्व विभाग को पत्र लिखकर बीमा कंपनी का मोबाइल नंबर जारी कर किसानों से तत्काल संपर्क कर प्रभावित ग्राम को राहत दिलाने में मदद का आग्रह किया है।

फसल मुआयना कर क्षति पूर्ति बीमा राशि दी जाए
साजा के किसान कृष्णा राठी ने अंचल में लगातार खराब मौसम, बारिश, आंधी-तूफान से खेतो में खड़ी ओनाहारी फसल चना, गेंहू, केला, पपीता को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने सहकारी समितियों से भारी भरकम कृषि ऋण लेकर खेती किया था। फसल भी अच्छी स्थिति में थी, परंतु मौसम के बदले मिजाज ने किसानों को चिंतित कर दिया है। अधिकांश किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। अब ऐसे में किसानों को कर्ज चुकाने और आर्थिक नुकसान की चिंता सताने लगी है। समिति अध्यक्ष कृष्णा राठी ने राजस्व कृषि विभाग से किसानों के खेतो में फसल का निरीक्षण कर उनके नुकसान का उचित क्षति पूर्ति बीमा क्लेम प्रकरण तैयार कर किसानों को राशि देने की मांग की है।

किसानों के लिए जारी किए टोली फ्री नंबर
 बीमा कंपनी बजाज एलायंज जनरल इंश्योरेसं के टोल फ्री नं. 1800-209-5959 पर या उनके व्हाट्सएप नंबर 7030053232 पर या किसान शिकायत निवारण के टोल फ्री नम्बर 14447 पर अथवा स्थानीय राजस्व, कृषि अधिकारियों, संबंधित बैंक या राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल में निर्धारित समय-सीमा में कारण के साथ सूचना देना है।

सर्वे रिपोर्ट तीन दिन में सौंपना होगा 
उपसंचालक कृषि मोरध्वज डड़सेना ने कहा कि जिले के सभी ब्लॉक के एसएडीओ को फसल नुकसान सर्वे करने के लिए सूचना दे दी गई है। रिपोर्ट तीन दिन में सौंपना होगा। बीते माह हुए नुकसान की क्लेम राशि आने वाले 10 दिवस में जारी होने की जानकारी बीमा कंपनी ने दी है।

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