बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 18 अप्रैल। जिले के बेमेतरा व साजा ब्लॉक के खारा पानी प्रभावित गांव के रहवासियों को दो पाली की बजाय एक पाली में ही पेयजल सप्लाई की जा रही है। कम पेयजल आपूर्ति किए जाने की वजह से ग्रामीणों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। ग्रामीणों की मानें तो एक दिन में केवल 30 मिनट तक ही नल चलता है। ग्रामीणों की जरूरत के हिसाब से सप्लाई नकाफी साबित हो रही है।
एक नजर आंकड़े पर
बेमेतरा समूह पेयजल योजना में लाभान्वित गांवों की संख्या - 57
साजा समूह पेयजल योजना में लाभान्वित गांवों की संख्या - 41
एक पाली में पानी सप्लाई वाले ग्रामों की संख्या - 98
एक दिन में कितना समय पानी मिलता है - 30 से 40 मिनट
कुल कनेक्शनधारियों की अनुमानित संख्या - 11000 से अधिक
दो पाली में पानी दिए जाने वाले गांवों की संख्या-0
जानकारी हो कि जिले के बेमेतरा ब्लॉक के खारा पानी प्रभावित 57 गांवों के लिए 632 करोड़ की लागत से समूह पेयजल योजना तैयार की गई है। योजना के तहत बेेमेतरा ब्लॉक के खारा पानी प्रभावित ग्राम कंतेली, हथमुड़ी, डूडा, निनवा, सावतपुर, रजकुड़ी, मोहलाई, बीजाभाट, अमोरा, भोइनाभाठा, बवामोहतरा, नवागांव, खुडमुड़ी, पेंडी, मोहरेंगा, सोनपुरी, बालसमुंद्र, आंदु, बिरमपुर, कंरजिया, झिरिया, उसलापुर, तुमा, ढारा, सनकपाट, छीतापार, बिटकुली, जोगीपुर, खैरी, लोलेसरा, गांगपुर, सिरवाबांधा, बहुनवागांव, बैजी, करचुवा, रायखेड़ा, खंडसरा, जगमड़वा, धानाडीह, मरतरा, सेमरिया, मुरकी, दाढ़ी, सुखाताल, घोरधाट, बिरमपुर, सुखाताल, मोढ़े, तारके, बिरसिंधी, परसवाड़ा व पौसरी में शिवनाथ नदी के फिल्टर प्लांट से शुद्ध व मीठे पानी की सप्लाई पानी टंकियों में की जाती है। पानी टंकियों से संबंधित गांव के घरों तक पाइपलाइन के माध्यम से पहुंचता है।
ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें दो पाली में पेयजल सप्लाई की जानी चाहिए तब जाकर उन्हें पेयजल की पूर्ति हो सकेगी। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र की पानी टंकियों में सुबह की पाली में मीठे पानी की सप्लाई की जा रही है। वो भी 60 मिनट की अपेक्षा केवल 30 मिनट तक ही पानी मिल रहा है।
साजा क्षेत्र के नलों में भी मिलता है केवल 30 मिनट तक पानी
दैनिक जरूरतों को देखते हुए गांवों में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति की आवश्यकता है। बेमेतरा समूह पेयजल योजना की तरह ही साजा ब्लॉक के खारा प्रभावित 41 गांवों के रहवासियों को नल के जरिए फिल्टर किया हुआ मीठा पानी देने साजा समूह पेयजल योजना संचालित की जा रही है। योजना के तहत चिन्हित 41 गांवों के करीब 65 हजार ग्रामीणों को लाभ देना है। 2014 में प्रारंभ की गई योजना 5 साल बाद भी लोगों को नसीब हो पाई है। बावजूद इसके अभी भी कई गांवों में पर्याप्त सप्लाई नहीं होने की शिकायत मिल रही है।
नल के समय में कटौती की जा रही
ग्राम पदुमसरा, पदमी, धिवरी समेत कई गांवों के ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में केवल एक समय ही नल चल पाता है। ग्राम चीजगांव के अजय कुमार साहू ने बताया कि गर्मी के दिनों में पेयजल की अधिक आवश्यकता होती है पर नल के समय में कटौती की जा रही है। समूह पेयजल योजना की सप्लाई टाइम में 75 फीसदी की कटौती को लेकर ‘छत्तीसगढ़’ ने पीएचई के ईई आरके धंनजय से संपर्क करने का प्रयास किया गया पर अधिकारी ने पक्ष रखने के लिए फोन तक रिसीव नहीं किया।
लोलेसरा के निवासी प्रशासन से लगा चुके हैं गुहार
जिला मुख्यालय से महज 6 किमी दूर ग्राम लोलेसरा में भी मीठे पानी की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो रही है। किरण वर्मा ने बताया कि आवश्यकता के अनुसार सप्लाई नहीं की जा रही है। एक दिन में केवल आधा घंटे तक नल में पानी आता है। एक दिन में दो पाली यानी सुबह एक व शाम को एक घंटा पानी सप्लाई किए जाने पर बमुश्किल जरूरत पूरी हो सकेगी। अभी तो केवल 30 मिनट तक ही नल चल पाता है। गांव के चपेश्वर वर्मा ने बताया कि गांव में सभी गलियों में पाइपलाइन का विस्तार ही नहीं हुआ है।
ग्रामीणों ने बताया कि पेयजल संकट की स्थिति को देखते हुए उन्होंने सक्षम अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को शत-प्रतिशत पेयजल सप्लाई के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जा चुका है। ग्राम बैजी, गांगपुर व सिरवाबांधा समेत कई गांवों में भी समूह योजना के तहत कम समय तक नल खुलता है।