राजनांदगांव
धोखाधड़ी के शिकार डेढ़ दर्जन पीडि़तों का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 मार्च। छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य संगीता गजभिये नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपए लेने के आरोप में घिर गई हैं। राजनांदगांव जिले के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले लोगों ने राजनंादगांव कलेक्टर-एसपी को बकायदा पत्र लिखकर गजभिये की शिकायत की है।
वर्तमान में श्रीमती गजभिये आयोग की सदस्य के तौर पर कार्यरत हंै। वह पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में सदस्य नामित हुई थीं। कांग्रेस सरकार की सत्ता से बेदखली के फौरन बाद श्रीमती गजभिये ने भाजपा का दामन थाम लिया। बताया जा रहा है कि 16 से ज्यादा पीडि़तों ने अपने साथ हुए धोखाधड़ी की शिकायत की है।
शिकायत के मुताबिक संगीता गजभिये ने नगद एवं फोन-पे के माध्यम से अपने पुत्र और पति के खाते में राशि ट्रांसफर कराया गया एवं नगद राशि गजभिये के टेडेसरा स्थित निवास में पीडि़तों ने नौकरी के नाम पर दी। नौकरी लगाने के नाम पर अलग-अलग पीडि़तों ने 30 हजार से लेकर 50 हजार रुपए की रकम खाता में ट्रांसफर की। वहीं 10 हजार, 13 हजार, 12 हजार रुपए तक भी पीडि़तों द्वारा संगीता गजभिये और उनके पुत्र और पति को दी गई।
मिली जानकारी के मुताबिक राजनंादगांव कलेक्टर और एसपी को 21 मार्च 2024 को पीडि़तों ने शिकायत पत्र सौंपा है। पीडि़तों ने पत्र में यह भी आरोप लगाया कि रुपए मांगने पर संगीता गजभिये आत्महत्या करने की धमकी देकर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।
‘छत्तीसगढ़’ ने श्रीमती गजभिये से आरोपों को लेकर बातचीत की। उन्होंने यह स्वीकार किया कि रुपए ऊपर वालों के निर्देश पर लिए गए थे। सभी की रकम लौटाने के लिए 4-5 महीने का समय मांगा गया है। मुझ पर लगाए गए धोखाधड़ी के आरोप बेबुनियाद है।
इस बीच संवैधानिक आयोग की सदस्य श्रीमती गजभिये के खिलाफ मिले शिकायतों की पुलिस जांच कर रही है। एएसपी राहुल देव शर्मा ने कहा कि पत्र के आधार पर विस्तृत जानकारी ली जा रही है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।