राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 मई। शासकीय विभागों द्वारा सेवा प्राप्ति एवं सामग्री खरीदी पर विक्रेताओं एवं निर्माण कंपनी, ठेकेदारों तथा सेवा प्रदाताओं को किए जाने वाले भुगतानों पर जीएसटी के स्त्रोत पर टीडीएस कटौती करने के संबंध वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यशाला आयोजित किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर संजय अग्रवाल वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कलेक्टोरेट सभाकक्ष से जुड़े रहे।
कार्यशाला में बताया गया कि केन्द्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 एवं छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 51 के प्रावधानों के अनुसार शासकीय विभागों द्वारा की जाने वाले सामग्री खरीदी एवं सेवा प्राप्ति पर प्रदायकर्ताओं को ठेकेदारों को किए जाने वाले भुगतान पर स्रोत पर कर की जीएसटी-टीडीएस कटौती के संबंध प्रावधान है।
शासकीय विभाग या स्थापना, स्थानीय प्राधिकारी, शासकीय अभिकरण, शासन के किसी भी डीडीओ द्वारा 2.5 लाख रुपए से अधिक भुगतान होने पर 2 प्रतिशत (1 प्रतिशत सीजीएसटी + 1 प्रतिशत एसजीएसटी अथवा 2 प्रशित आईजीएसटी) की दर से स्रोत पर कटौती जीएसटी-टीडीएस किया जाना है। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सभी शासकीय विभागों तथा स्थानीय प्राधिकारियों को जीएसटी के अंतर्गत स्रोत पर टीडीएस कटौतीकर्ता के रूप में रजिस्ट्रेशन लिया जाना है। विभागों द्वारा खरीदी की जाने वाली सामग्री, मशीन-उपकरण, फर्नीचर, स्टेशनरी अथवा अन्य कोई भी वस्तुए, निर्माण कार्यों एवं ठेकों तथा लिए जाने वाली किसी भी प्रकार की सेवाओं की राशि पर जीएसटी-टीडीएस करने के बाद माह की 10 तारीख तक रिटर्न जीएसटीआर-07 में प्रस्तुत किया जाना है।
यह देखने में आया है कि कई विभागों एवं कार्यालयों द्वारा जीएसटी-टीडीएस कटौतीकर्ता के रूप में प्रावधानों के अंतर्गत जीएसटी पंजीयन नहीं लिया गया है तथा पंजीयन लेने वाले प्राधिकारियों द्वारा सही प्रकार से जीएसटी की स्रोत पर कटौती संबंधी प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे राज्य शासन का जीएसटी से प्राप्त होने वाले राजस्व की क्षति हो रही है।
इसके संबंध में यह निर्देशित किया जाता है कि समस्त भुगतानकर्ता प्राधिकारियों, आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा केंद्रीय एवं छत्तीसगढ माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 के अंतर्गत स्रोत पर कटौती के प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।
यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी वस्तु अथवा सेवा प्रदायकर्ता द्वारा एक वित्तीय वर्ष के दौरान एक ही क्रय/सेवा आदेश के विरूद्ध पृथक-पृथक देयकों में राशि का विभाजन करते हुए जीएसटी की स्रोत पर कटौती हेतु निर्धारित 2 लाख 50 हजार रुपए की सीमा का उल्लंघन न हो। इसके साथ ही सभी कोषालयों, उपकोषालयों, निर्माण विभागों, वन विभाग के भुगतान प्राधिकारियों का निर्देशित किया जाता है। आहरण एवं संवितरण अधिकारिेयों द्वारा वस्तु एवं सेवा प्रदाय के भुगतान संबंधी प्रस्तुत देयकों में प्रदायकर्ताओं की जीएसटीआईएन को चिन्हांकित करने की व्यवस्था की जाए तथा देयकों के भुगतान के पूर्व यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रदायकर्ता द्वारा दिया गया जीएसटीआईएन वर्तमान में सक्रिय वैध हो।
इस अवसर पर वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डे, अपर कलेक्टर इंदिरा नवीन प्रताप सिंह, संयुक्त कलेक्टर खेमलाल वर्मा, जिला कोषालय अधिकारी दिलीप सिंह एवं जिले के सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं जिला कोषालय के सहायक कोषालय अधिकारी कृतलाल साहू, महेश चौरीवार एवं सुशांत बेलेकर जुड़े रहे।