राजनांदगांव
![एमएमसी जोन चीफ दामा की नदी में डूबने से मौत एमएमसी जोन चीफ दामा की नदी में डूबने से मौत](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1716448111jn__1__Rajesh_Dama.jpg)
8 माह पूर्व नक्सल लीडर की मौत को संगठन ने ठहराया सही, डीएनए जांच में हुई पुष्टि
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 मई। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन के नक्सल चीफ राजेश मरकाम उर्फ दामा की एक उफनती नदी में 8 माह पूर्व डूबने से मौत की पुष्टि नक्सल संगठन ने कर दी है। सुजान सिंह मरकाम उर्फ दामा के नदी में डूबने से हुई मौत की पुलिस ने भी डीएनए जांच के जरिये पुष्टि की है। वहीं नक्सलियों ने अपने पत्र ‘प्रभात’ में प्रकाशित कर दामा के असामायिक मौत को लेकर अफसोस जाहिर किया है।
बताया जा रहा है कि दामा पर छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में करोड़ों रुपए का ईनाम घोषित है। एसजेडसी मेम्बर होने के कारण वह देश के टॉप नक्सली लीडर में शुमार था। बीते वर्ष 27 सितंबर 2023 को दामा अपने साथियों के साथ मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के देव नदी को पार करने के दौरान तेज बहाव में फंस गया। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस को काफी दिनों बाद उक्त लीडर का शव मिला। वैज्ञानिक पद्धति से पुलिस ने शव की डीएनए को सुरक्षित रख लिया।
बताया जा रहा है कि बालाघाट पुलिस ने पुख्ता सूचना के आधार पर दामा के बेटे का डीएनए सैंपल लिया। जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस आधार पर पुलिस ने भी दामा के मौत की अधिकृत पुष्टि कर दी है।
बालाघाट रेंज के आईजी संजय कुमार ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि हार्डकोर नक्सली राजेश मरकाम उर्फ दामा की मौत की पुष्टि डीएनए जांच के जरिये हो गई है। नक्सल लीडर पर करोड़ों रुपए का ईनाम था।
बताया जाता है कि बालाघाट पुलिस के साथ मुठभेड़ होने के बाद दामा अपने साथियों के साथ 23 सितंबर को नदी पार करने की कोशिश में मौत के मुंह में चला गया। वह गढ़चिरौली के मुरूमगांव का रहने वाला था।
दामा वन विभाग में गार्ड की नौकरी भी करता था। नक्सल विचारधारा से प्रभावित होकर उसने हथियार उठा लिया था। दामा का एमएमसी जोन में काफी दखल था। नक्सलियों को उसकी मौत से करारा झटका लगा है।