दुर्ग

राज्य का पहला आधुनिक स्लाटर हाउस जल्द होगा शुरू
28-Jun-2024 8:05 PM
राज्य का पहला आधुनिक स्लाटर हाउस जल्द होगा शुरू

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 28 जून।
पिछले लगभग 4 वर्षों से राधिका नगर भिलाई में तैयार छत्तीसगढ़ के पहले आधुनिक स्लाटर हाउस को प्रारंभ करने की हरी झंडी मिल गई है। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में दस वर्ष पूर्व प्रस्तावित इस मार्डन स्लाटर हाउस का वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने  अधिकारियों को मौके पर बुला अवलोकन किया।

श्री सेन ने बताया कि 17 करोड़ का यह प्रोजेक्ट पिछले चार वर्षों से इच्छा शक्ति के अभाव में पूर्व सरकार द्वारा शुरू नहीं किया गया। इस प्रोजेक्ट में 7.35 करोड़ केंद्र सरकार और 9.45 करोड़ राज्यांश और निकाय से स्वीकृत किया गया था। लगभग 17 करोड़ का सर्वसुविधायुक्त यह आधुनिक स्लाटर हाउस धूल और कबाड़ बना बंद पड़ा रहा जबकि जनता की गाढ़ी कमाई और टैक्स से मिले राजस्व से इसका निर्माण हुआ। आज आधुनिक स्लाटर हाउस का निरीक्षण कर इसे शीघ्र प्रारंभ करवाने के निर्देश विधायक रिकेश सेन ने दिए हैं। 

विधायक रिकेश सेन ने कहा कि यह स्लाटर हाउस लंबे समय से बंद पड़ा है, इसे तात्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंहजी ने स्वीकृति दी थी। प्रदेश में जितने भी स्लाटर हाउस है जहाँ पर बकरे काटे जाते हैं उसे आधुनिक करने की योजना के तहत इसका निर्माण हुआ ताकि खराब मांस सेवन से जो बीमारियां फैलती हैं उन पर विराम लग सके। इस आधुनिक स्लाटर हाउस में बकरा कटिंग से पहले उसका मेडिकल चेकअप होगा। अमूमन कुछ लोग हलाल और कुछ झटके की प्रोसेस से कटिंग वाला मटन खरीदते हैं। इस स्लाटर हाउस में दोनों ही प्रोसेस हैं। यहां आइशोलेट फ्रीजर बनाए गए हैं, ब्लड और वेस्ट का भी प्रापर ट्रीटमेंट प्रोसेस हैं। मटन को धोने से लेकर सारा प्रोसेस आटोमेटिक मशीनरी से होना है। निकलने वाली हड्डियां का भी अलग प्लांट है। यह छत्तीसगढ़ में पहला आधुनिकतम स्लाटर हाउस है, जिसे शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश मैंने दिए हैं। जब कांग्रेस की सरकार थी उनकी इच्छाशक्ति नहीं हुई इसे चालू करने की जबकि 17 करोड़ रुपए इस पर लग चुका है।

 मैं नहीं चाहता है कि आम जनता की गाढ़ी कमाई, जो टैक्स के रूप में कटती है जो हमें जनता देती है, राज्य शासन को देती है तो उस पैसे का कोई दुरूपयोग न हो इसलिए वर्षों से तैयार इस माडर्न सलाटर हाऊस का आज मैंने निरीक्षण किया है।

श्री सेन ने बताया कि एक समिति बनेगी, इस समिति में भिलाई नगर निगम, जामुल नगर पालिका, नगर निगम दुर्ग और रिसाली सबको समायोजित कर इस स्थान से ही मटन उपलब्ध कराया जाएगा। क्योंकि खुले में मांस मटन का काटना कहीं न कहीं कई बीमारियों को न्यौता देने वाली बात है। 

दस वर्ष पूर्व बना था माडर्न स्लाटर हाउस का प्रस्ताव
दस वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ प्रदेश के पहले आधुनिक स्लाटर हाउस का प्रस्ताव जाने के बाद 2 फरवरी 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के कार्यकाल में लगभग 17 करोड़ रूपये की लागत से राधिका नगर भिलाई में इस मार्डन स्लाटर हाउस की स्वीकृति मिली थी। सम्पूर्ण कार्य ठेका कंपनी द्वारा सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रीकल, वेस्टट्रिटमेंट, सोलर पावर, रेन्ड्रींग प्लांट कंप्लीट कार्य करके एक मुस्त दर से दिया गया था। सिविल कार्य में संपूर्ण शेड निर्माण, ऑफिस एवं रोड निर्माण कार्य मैकेनिकल कार्य में स्लाटर हाउस में जानवरों के काटने की मशीन, धोने की, कोल्ड स्टारेज, पैकिंग सहित इलेक्ट्रिकल कार्य में संपूर्ण स्लाटर हाउस की इलेक्ट्रिक व्यवस्था भी की गई। अपशिष्ट जल के उपचार एवं ह?ड्डियों के उपचार के लिए भी प्लांट के साथ 200 किलोवॉट का सोलर पावर प्लांट भी स्थापित होना था। यह सम्पूर्ण कार्य वर्ष 2019-20 में पूरा हो गया मगर प्रदेश? में कांग्रेस की सरकार बनने? के बाद सम्पूर्ण प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 

90 फीसदी पानी बचेगा, मशीनों से होगी ब्लास्टिंग
आपको बता दें कि इस आधुनिक? स्लाटर हाउस में जानवरों की मशीनों से स्लाटिंग होनी थी। यहां एक दिन में 300 बकरों की स्लाटिंग हो सकती है। आधुनिक स्लाटर हाउस बनने से स्लाटिंग में होने वाले पानी के खर्च में जहां 90 प्रतिशत की कमी आएगी। इस आधुनिक स्लाटर हाउस के प्रारंभ होने से घरों और मांस दुकानों में में हो रही स्लाटिंग के बंद कराई जाएगी। खुदरा दुकानदार भी यहीं से मांस खरीदेंगे। दुकानों में खुले मांस की बिक्री बंद होगी और पैकेट बंद मांस का विक्रय किया जाएगा। कुछ वर्ष पहले पुराने स्लाटर हाउस में जानवरों को हलाल कर निकलने वाला कचरा नालों में बहाया जाता रहा है।

कटिंग पूर्व हैल्थ चेकअप, मांस की होगी लैब टेस्टिंग
बकरों की स्लाटिंग से पहले उनका हेल्थ चेकअप होगा कि कहीं यह जानवर दुधारु या कृषि योग्य तो नहीं है। वहीं स्लाटिंग के बाद जानवरों के मांस की लैब में जांच की जाएगी, जिससे पता चल सकेगा कि यह मांस खाने लायक है या नहीं? इसके बाद ही बाजार में इसकी आपूर्ति की जाएगी। आधुनिक स्लाटर हाउस में स्लाटिंग के बाद बचे हुए कचरे का शत प्रतिशत निस्तारण परिसर के अंदर ही कर दिया जाएगा, इससे पर्यावरण प्रदूषित नहीं होगा। जानवरों के ब्लड को सूखा कर उसे पावडर के रुप में बदलकर उसका पुन: उपयोग किया जाएगा। जानवरों की धुलाई के फब्बारे लगाए गए हैं जिससे पानी की खपत भी कम होगी। आधुनिक स्लाटर हाउस में मांस के आलावा बोन, चमड़ी व अन्य व्यर्थ की सामग्री को बेच दिया जाएगा जबकि इससे निकलने वाले गंदे पानी के लिए ईटीपी प्लांट बनाया गया है जिसमें पानी शुद्ध होने के बाद नालों में बहाया जाएगा।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news