दुर्ग
![भारती विवि में रिसर्च एथिक्स पर 3 दिनी राष्ट्रीय वेबिनार भारती विवि में रिसर्च एथिक्स पर 3 दिनी राष्ट्रीय वेबिनार](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719760270076.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 30 जून। भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग के शिक्षा विभाग एवं अर्थशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार का विषय ‘रिसर्च एथिक्स’ था। इस वेबिनार में विषय विशेषज्ञों ने विभिन्न तकनीकी सत्रों में अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर डॉ. अर्पना गोडबोले, एसोसिएट प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ ने साहित्यिक चोरी पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि शोधार्थी को साहित्यिक चोरी नहीं करना चाहिए। जब कहीं से मैटर लें तो उसका समुचित संदर्भ देना चाहिए।
प्रो. शोभित कुमार बाजपेई, निदेशक, कॉमर्स एवं प्रबंधन अध्ययनशाला, पं. सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय, बिलासपुर ने कहा कि प्लेगरिज्म से बचना चाहिए। उन्होंने बताया की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने साहित्यिक चोरी और प्लेगरिज्म पर कड़े नियम बनाए हैं। प्रत्येक शोधार्थी को इनका पालन करना अनिवार्य है।
प्रो. महिपाल सिंह यादव-निदेशक, इंस्टीट्यूट फॉर एक्सीलेंस इन हाइयर एजुकेशन, भोपाल ने शोध के विभिन्न चरणों को समझाया और पूरी प्रक्रिया में नैतिकता को बल दिया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. नीना सिंह, विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग और आयोजन सचिव डॉ. मनोज कुमार मौर्य, डीन शिक्षा विभाग और डॉ. स्वाति पाण्डेय अधिष्ठाता छात्र कल्याण थीं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विद्यावती चंद्राकर और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. निधि वर्मा असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी विभाग और डॉ. निमिषा मिश्रा, लॉ विभाग ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण, शोधार्थी और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।