राजनांदगांव
![जून के हर दूसरे दिन सर्पदंश के आए मामले, एक मौत जून के हर दूसरे दिन सर्पदंश के आए मामले, एक मौत](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719656092G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 जून। जून के महीने में बारिश शुरू होते ही जिले में सर्पदंश के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। औसतन हर दूसरे दिन सर्पदंश का मामला अस्पताल तक पहुंचा। इस दौरान एक युवक की सांप के डसने से मौत हो गई। वहीं बिच्छु के डंक के शिकार लोग भी उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे हैं। बरसात के साथ ही सर्पदंश और विषैले कीटों के असर से उपचार के लिए पीडि़तों की अस्पताल में संख्या बढ़ी है। ज्यादातर मामले मोहला-मानपुर और अं. चौकी क्षेत्र से हैं। समय पर इलाज मिलने की वजह से ज्यादातर लोगों की जान बच गई, लेकिन एक युवक की 8 जून को मौत हो गई।
अं. चौकी क्षेत्र के ब्राम्हणभेड़ी के रहने वाले गोपाल डहरिया को एक सांप ने डस लिया था। 4 दिनों के उपचार के बाद उसे बचाया नहीं जा सका। 12 जून को उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मानसून के असर से बदले परिस्थितियों के कारण जमीन में ठिकाना बनाने वाले सर्प बाहर निकल गए हैं। उमस और पानी के कारण विषैले जंतु बाहर भ्रमण कर रहे हैं।
इस दौरान जंगलों और खेतों में जाने वाले लोगों को सर्पदंश और बिच्छु के डंक से पीडि़त होना पड़ रहा है। हालांकि जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में एंटी स्नैक इंजेक्शन पर्याप्त है। विषैले कीटों के शिकार लोगों को बचाने के लिए स्टॉफ भी मौजूद है। यही कारण है कि अब तक एकमात्र युवक की सर्पदंश से जान चली गई है। इस बीच विषैले कीटों के प्रजनन का भी दौर शुरू हो गया है। मानसून के दौरान कीटों की संख्या बढ़ गई है।
किसानों के लिए खेत में काम करने के दौरान कीट-मकोड़े नुकसान पहुंचाते हैं। यही कारण है कि किसानों को विशेष रूप से सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा है। जंगलों में मूवमेंट के दौरान सतर्कता बरतने के लिए भी वनवासियों को जानकारी दी गई है। मोहला-मानपुर और घने जंगल वाले क्षेत्रों में खासतौर पर डंडा करायत और घोड़ा करायत का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे सर्पों से बचने के लिए घरों में विशेष सुरक्षा बरती जा रही है।