राजनांदगांव
![फोटो व वीडियोग्राफी की दो दिनी कार्यशाला फोटो व वीडियोग्राफी की दो दिनी कार्यशाला](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719565625jn__1600.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 जून। नवीन कानूनों के क्रियान्वयन की दिशा में पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों का रेंज स्तरीय फोटो व वीडियोग्राफी 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 24 और 25 जून को पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय राजनांदगांव में आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण में राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई एवं मोहला-मानपुर-अं. चौकी के लगभग 75 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। प्रशिक्षण में सीन ऑफ क्राईम के समस्त सबूतों को क्रमबद्ध मार्क कर फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कर साक्ष्य एकत्रित करने, घटनास्थल में तत्काल पहुंचकर पूरे एंगल से घटनास्थल की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करना, घटनास्थल में प्राप्त सभी छोटी से छोटी चीजों को ध्यान में रखते सावधानीपूर्वक फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करने तथा घटनास्थल घर के अंदर या बाहर होने पर फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी एंगल को ध्यान में रखते पूरे घटनास्थल को कव्हर करने की समझाईश दी। कार्यशाला में पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव रेंज दीपक कुमार झा, एसपी मोहित गर्ग, एएसपी मुकेश ठाकुर, पीटीएस एसपी गजेन्द्र सिंह ठाकुर, सीएसपी पुष्पेन्द्र नायक, डीएसपी तनुप्रिया ठाकुर, रेंज स्तर के अधिकारी-कर्मचारी एवं फोटोग्राफी व वीडियोग्राफर शामिल थे।
मिली जानकारी के अनुसार कार्यशाला में रायपुर से संयुक्त निदेशक एफएसएल रायपुर टीएल चंद्रा एवं निरीक्षक कमलेश पटेल, फोटो शाखा रायपुर, दुर्ग से शशांक द्विवेदी प्रभारी अधिकारी एफएसएल दुर्ग, डॉ. मोहन पटेल प्रभारी क्राईम सीन दुर्ग से प्रशिक्षण देने पहुंचे थे। उन्होंने पीटीएस राजनांदगांव में एक डमी सीन ऑफ क्राईम बनाकर उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों को नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी के गुर सिखाए।
उन्होंने बताया कि जब भी हम किसी स्थान की या उस व्यक्ति की तलाशी लेते हैं, उस समय उसकी वीडियो रिकार्डिंग करना धारा 105 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में प्रावधान किया गया है। किसी भी प्रकरण में तलाशी लेते समय फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करना अनिवार्य है। इस संबंध में विस्तारपूर्वक बताया गया।
जितने भी विवेचना में शामिल अधिकारी-कर्मचारी हैं विवेचना की शुरूआत ही सीन ऑफ काईम से होती है, अगर सीन ऑफ क्राईम को अच्छे से देखते है तो समस्त सबूतों को क्रमबद्ध मार्क करके फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करने पर चार्जेस एवं पासिविल्टी यह बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और उस अपराध को अच्छे ढंग से अंतिम मुकाम तक पहुंचा पाएंगे, के संबंध में विस्तारपूर्वक समझाया गया। किसी स्थान पर घटना होने का पता चलता है तो तत्काल घटनास्थल पहुंचकर पूरे एंगल से घटनास्थल की फोटोग्राफी करते हुए घटनास्थल में प्राप्त सभी छोटी-से-छोटी चीजों को ध्यान में रखते सावधानीपूर्वक फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करने और साक्ष्य एकत्रित करने बताया गया। फोटोग्राफर व वीडियोग्राफर द्वारा फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करने के तरीके एवं फोटो व वीडियो को एसडी कार्ड, पेन ड्राईव में सेव करने के तरीके सीडी, डीवीडी बनाने के तरीके संंबंध में बताया गया।
कार्यशाला के समापन में एएसपी मुकेश ठाकुर एवं डीएसपी तनुप्रिया ठाकुर द्वारा ट्रेनर अधिकारियों को मोमेन्टो भेंट की एवं प्रशिक्षणार्थियों को नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन में फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी का महत्व के बारे में बताते अपने-अपने जिले में दिए गए प्रशिक्षण अनुरूप क्रियान्वयन करने निर्देशित किया गया।