राजनांदगांव
![नगर निगम सफाई ठेके को लेकर टकराव, एमआईसी सचिव पर छेड़छाड़ का आरोप नगर निगम सफाई ठेके को लेकर टकराव, एमआईसी सचिव पर छेड़छाड़ का आरोप](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1720695531jn__2_Nagar_Nigam_Sabhagrah.jpg)
आयुक्त ने तीन दिन के भीतर नोटिस देकर मांगा जवाब
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 जुलाई। राजनांदगांव नगर निगम के सफाई ठेके को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के साथ चल रहे टकराव के बीच ठेके को लेकर जारी किए गए संकल्प पत्र से छेड़छाड़ करने के मामले में बवाल खड़ा हो गया है। एमआईसी के सचिव संजीव मिश्रा पर पत्र के साथ छेड़छाड़ करने के गंभीर आरोप लगे हैं। आयुक्त ने नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है। नोटिस में आयुक्त ने सचिव के विरूद्ध जवाब नहीं देने की स्थिति में एकतरफा एकपक्षीय कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी गई है।
सफाई ठेके के संकल्प पत्र में दो वर्ष की जगह तीन वर्ष का अनुभव अनिवार्य किया गया था। यहीं से मामला विवादित हो गया।
मिली जानकारी के मुताबिक शहर के 27 वार्डों के लिए सफाई ठेका होना प्रस्तावित है। पूर्व में किए गए ठेके के प्रस्ताव को एमआईसी में रद्द कर दिया था। इसके बाद महापौर हेमा देशमुख और नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु आमने-सामने आ गए। इस मामले में आयुक्त पर भी सत्तारूढ़ कांग्रेस ने पक्षपात करने का आरोप लगाया।
एमआईसी ने निगम प्रशासन द्वारा किए गए टेंडर की प्रक्रिया पर ही प्रश्न खड़ा कर दिया। जब टेंडर आयुक्त की ओर से जारी किया गया तो एमआईसी ने उसे निरस्त कर दिया। अब नए टेंडर की प्र्िरकया शुरू होने से पहले ही विवादों की भेंट चढ़ गई है।
बताया जा रहा है कि 23 फरवरी को एमआईसी की पहली बैठक हुई थी। इसके बाद एक जुलाई को बैठक आयोजित की गई। इन दोनों में सफाई ठेक को लेकर अलग-अलग संकल्प पत्र पेश करने का आरोप एमआईसी सचिव संजीव मिश्रा पर लगाया गया है। पहली बैठक के संकल्प पत्र में दो और दूसरी बैठक के संकल्प पत्र में 5 शर्तों का उल्लेख किया गया है। संकल्प पत्र में अनुभव 2 साल के बजाय 3 साल कर दिया गया। यहीं से मामला गड़बड़ा गया। आयुक्त ने संकल्प पत्र में किए गए छेड़छाड़ को लेकर सीधे एमआईसी सचिव मिश्रा को नोटिस जारी कर दिया है।
बताया जा रहा है कि शर्तों में अंतर होने के कारण आयुक्त ने कड़ा फैसला लेते हुए नोटिस जारी किया है। एमआईसी की 24 फरवरी की बैठक में सफाई ठेके की निविदा के लिए अनुशंसा में जो संकल्प पत्र पेश किया गया था, उसमें निविदाकार को 3 वर्षों का आयकर रिटर्न प्रस्तुत करने के शर्तों को विलोपित किया गया और उसे दो वर्ष के कार्य अनुभव में संशोधित कर दिया गया। इस मामले को लेकर आयुक्त ने नोटिस जारी कर जवाब नहीं देने की स्थिति में एकतरफा कार्रवाई करने की चेतावनी जारी कर दी है।