राजनांदगांव

राजगामी की जमीन पर बिना अनुमति निगम ने बर्ड पार्क के लिए फूंके 50 लाख
14-Jul-2024 2:35 PM
राजगामी की जमीन पर बिना अनुमति निगम ने बर्ड पार्क के लिए फूंके 50 लाख

 निजी संस्था को ठेका देने पर विवाद उठा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 14 जुलाई। राजनांदगांव नगर निगम की कार्यप्रणाली इन दिनों सुर्खियों में है। सफाई ठेका का विवाद शांत हुआ नहीं था कि अब निगम ने बिना जरूरत राजगामी की जमीन पर बर्ड पार्क के लिए 50 लाख रुपए खर्च कर दिए। वहीं पार्क को निजी संस्था के हवाले किए जाने के कारण निगम कटघरे में खड़ा हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि राजगामी संपदा से जमीन की विधिवत मांग किए बगैर निगम ने एक बड़ी रकम खर्च कर दी।

मिली जानकारी के मुताबिक गौरवपथ स्थित राजगामी संपदा की जमीन पर नगर निगम ने बर्ड पार्क के नाम पर 50 लाख रुपए खर्च कर दिए। इस मामले की जानकारी उस वक्त सामने आई, जब बर्ड पार्क को नियम विरूद्ध एक निजी संस्था को सौंपने का फैसला लिया गया। चौतरफा विरोध होने के कारण अब निगम प्रशासन ने यू-टर्न लिया है।

बताया जा रहा है कि बर्ड पार्क का स्वरूप ऐसा बनाया गया है। जिसमें पक्षियों की रखरखाव अनुकूल नहीं है। बर्ड पार्क के निर्माण कार्य में नगर निगम के जेसीबी का उपयोग किया गया। समाजसेवियों से फंड लेकर पौधे खरीदे गए। ज्यादातर काम निगम के जरिये किया गया है। इसकी आड़ में 50 लाख का भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया है।

इस बीच वार्ड पार्षद ऋ षि शास्त्री ने बर्ड पार्क को निजी संस्था के हवाले करने के निर्णय का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने इस मामले में भूख हड़ताल करने की चेतावनी भी दी है। उनका कहना है कि बर्ड पार्क के संरक्षण और संवर्धन के लिए वन विभाग को सौंपा जाना बेहतर था। राज्य के दुर्ग जिले में बर्ड पार्क की स्थापना की गई है। फारेस्ट महकमे की निगरानी में बर्ड पार्क का ख्याल रखा जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार से वन विभाग को बजट भी आबंटित किया गया है। निजी संस्था को पार्क को सौंपने के निर्णय के पीछे निगम के कतिपय अधिकारियों की निजी हित है।

बताया जा रहा है कि नगर निगम में पिछले तीन साल में बर्ड पार्क को बनाने के लिए आधा करोड़ रुपए यानी 50 लाख रुपए व्यय कर दिए हैं। गौरवपथ के पास बन रहे इस पार्क को लेकर वाद-विवाद शुरू हो गया है। नगर निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली से पार्क निर्माण से लेकर निजी संस्था को सौंपने के फैसले की तीखी आलोचना भी हो रही है।

राजनीतिक तौर पर कांग्रेस ने इस मामले को लेकर आपत्ति दर्ज की है। कांग्रेस पार्षद शास्त्री के वार्ड में बन रहे इस पार्क के औचित्य पर प्रश्न चिन्ह लगाया गया है।

पार्षद का दावा है कि पार्क का संरक्षण और संवर्धन करने में निजी संस्था की तुलना में फारेस्ट विभाग ज्यादा बेहतर कार्य करेगा।

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