राजनांदगांव
![त्रिशूल की लागत 20 लाख के बजाय 12 लाख कैसे - हेमंत त्रिशूल की लागत 20 लाख के बजाय 12 लाख कैसे - हेमंत](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1721815883jn__1014_Hemant_Ostwal.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 जुलाई। पूर्व पार्षद हेमंत ओस्तवाल ने जारी बयान के माध्यम से कहा कि पूर्व सांसद व पूर्व महापौर मधुसूदन यादव द्वारा नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर त्रिशूल लगाने की मांग की है।
श्री ओस्तवाल ने कहा कि पूर्व महापौर श्री यादव और भाजपा नेता यह भूल गए हैं कि कांग्रेस शासन काल में त्रिशूल के भ्रष्टाचार के मामले को लेकर महापौर हेमा देशमुख को घेेरा था और आज जब भाजपा की प्रदेश में सरकार बन गई तो पूर्व महापौर मधुसूदन यादव को क्या सांप सूंघ गया है। जबकि मानव मंदिर चौक में महाकाल चौक के नाम पर त्रिशूल लगाने एल्डरमेन राशि से लगभग 20 लाख रुपए की लागत से यह त्रिशूल का काम एक ठेकेदार को दिया गया और जब इसके भ्रष्टाचार की आवाज और जांच की मांग की गई।
जबकि भगवान महादेव के इस त्रिशूल के भ्रष्टाचार और जगह चयन के नाम पर निगम की महापौर के भ्रष्टाचार को पूर्व सांसद मधूसुदन यादव द्वारा जनहित और शासन हित में कार्रवाई करवानेे के बजाय हेमा देशमुख की काली करतूतों को जो दबवाया जा रहा है, वह संस्कारधानी धर्मप्रेमियों की छवि को धूमिल करने के बराबर है। जबकि अब वही त्रिशूल भाजपा की सत्ता आते ही महापौर निधि से स्वीकृत हो गया है। यदि श्री यादव और भाजपा के नेता इस 20 लाख के त्रिशूल की लागत का भौतिक सत्यापन के बाद 12 लाख रुपए कैसे हुआ और इस खेल में कौन शामिल है उस सम्पूर्ण मामले की जांच करवाकर दोषी भ्रष्टाचारियों को धर्म के नाम पर जो लुट खसोट मचाके बैठे है उनका नाम सार्वजनिक करें।