बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 27 जुलाई। जिला मुख्यालय सहित कुछ प्रमुख सीमेंट संयंत्रों के ट्रक यार्ड के बाहर मुख्य मार्ग के दोनों और भारी वाहनों की कतारों के कारण सडक़े डेंजर जोन बनती जा रही है। यहां अक्सर छोटी वाहनों के आवागमन के दौरान वाहन चालकों की जान जोखिम में बनी रहती है।
यद्यपि यातायात पुलिस द्वारा जिला मुख्यालय एवं संबंधित थाना चौकी अंतर्गत वाहन चालकों पर कार्यवाही किया जा रहा है। परंतु इन सीमेंट संयंत्रों द्वारा सडक़ के दोनों और पार्क किया जा रहे भारी वाहनों पर कार्यवाही नहीं किए जाने की वजह से आवागमन करने वाले दो पहिया व छोटे वाहन चालकों को अत्यधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के दौरान यह स्थिति और भी गंभीर हो चुकी है।
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय के कुछ पेट्रोल पंपों के आसपास बड़ी संख्या में भारी वाहन पार्क कर दिए जाते हैं रिसदा सकरी लवन बाय पास संगम पर भी यही स्थिति है। इन मार्गों पर सीमेंट संयंत्रों में जाने वाली वाहनों की वजह से यातायात का अत्यधिक दबाव रहता है। इन परिस्थितियों में दो पहिया एवं छोटे चार पहिया वाहन चालकों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सर्वाधिक परेशानी दो पहिया से आवागमन करने वाली छात्राओं एवं महिला कर्मियों को झेलना पड़ता है।
अक्सर इसी वजह से दो पहिया सवार दुर्घटना का शिकार होते है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले विद्यार्थियों के परिजन सदैव अनहोनी की आशंका से भयभीत रहते हैंद्य बलोदाबाजार सिमगा मार्ग पर अक्सर ग्राम रिसदा के आगे खेरवारडीह जंगल के समीप पेट्रोल पंपों में भारी वाहन चालकों द्वारा मार्ग के दोनों और बेतरतीब वाहन पार्क करने की वजह से यातायात थम जाता है। यही नहीं दो पहिया या छोटे वाहन चालकों द्वारा ट्रक चालकों की मनमानी का विरोध किया जाता है तो उसके साथ अभद्रता की जाती है इन सब तथ्यों से अवगत होने के बावजूद संबंधित शासकीय विभागों के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी आम जनों को हो रही समस्या की अनदेखी कर रहे हैंद्य क्षेत्र वासियों ने जिलाधीश से ऐसे मामलों को संज्ञान में लेकर मनमानी करने वाले भारी वाहन चालकों एवं संबंधित सीमेंट संयंत्र प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही की मांग किया गया है।
बलौदाबाजार सिमगा मार्ग जर्जर
बलौदाबाजार से सिमगा मार्ग पर चार प्रमुख सीमेंट संयंत्र अन्य औद्योगिक इकाइयों स्थित है। इसके अलावा ग्राम कुकुरदी में नवीन संयंत्र निर्माणाधीन है। इन संयंत्रों में प्रतिदिन बड़ी संख्या में भारी वाहनों का आवागमन होता है। करीब 10 12 वर्ष पूर्व निर्मित या सडक़ इसी वजह से अत्यधिक जर्जर हो चुका है। विशेष कर कोकडी बाईपास से लेकर सुहेला तक स्थिति और भी बदतर है। बारिश के दौरान जर्जर सडक़ के बड़े गडढो मे पानी व कीचड़ भरा जाने से हादसों का जोखिम और अधिक बढ़ गया है। सबसे खराब स्थिति ग्राम रिसदा से लेकर ढाबाडीह तक है। यहां जर्जर सडक़ की वजह से पैदल चलना भी दुर्भर हो गया है।
अक्सर दोनों ओर वाहनों के पार करने के दौरान बीच से भारी वाहन के निकलने और इन गडढो में फंसने से भी कई अवसरों पर सडक़ पर जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। इसके चलते बलोदाबाजार स्थित विभिन्न विद्यालय व महाविद्यालय आने वाले छात्र-छात्राओं को शाला पहुंचने में विलंब भी होता है। जर्जर हो चुके इस मार्ग के निर्माण की आवश्यकता क्षेत्र वासियों द्वारा महसूस किया जा रहा है।