बेमेतरा

प्रायोगिक कार्य से बच्चों की उस विषय में समझ स्थायी हो जाती है-घृतलहरे
24-Aug-2024 1:53 PM
प्रायोगिक कार्य से बच्चों की उस विषय में समझ स्थायी हो जाती है-घृतलहरे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 24 अगस्त। डाइट में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कक्षा छठवीं से आठवीं तक के शिक्षकों के लिए विज्ञान प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण प्रभारी कीर्ति घृतलहरे व्याख्याता ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण की विस्तार से जानकारी दी गई। संस्थान के प्राचार्य जेके घृतलहरे ने कहा कि विज्ञान एक प्रायोगिक विषय है।

जिसे बच्चे करके सीखने में अधिक रुचि लेते हैं। अत: विज्ञान शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए हमें प्रायोगिक कार्य पर ज्यादा जोर देना होगा। कक्षा में हम अधिक से अधिक प्रायोगिक कार्य कराये। प्रायोगिक कार्य करने से उस विषय पर उनकी समझ स्थाई बन जाती है। और उस विषय वस्तु को बच्चे फिर कभी नहीं भूलते। प्रशिक्षण पश्चात शिक्षक छात्रों में वैज्ञानिक सोच के साथ सकारात्मक विचार को बढ़ावा दे सकेंगे।

डाइट प्राचार्य जेके घृतलहरे ने कहा कि प्रशिक्षण में दो विकासखण्ड नवागढ़ एवं साजा के 141 विज्ञान विषय पढ़ाने वाले माध्यमिक शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे है। मास्टर ट्रेनर्स मंजू साहू और अंजली सिंह द्वारा विज्ञान क्या है और बच्चों को विज्ञान विषय से हम कैसे जोड़े। क्या सभी बच्चे विज्ञान विषय में रुचि लेते हैं। इस पर विस्तार से चर्चा की गई।

अंत में निष्कर्ष निकाला गया कि विज्ञान एक प्रायोगिक विषय है जिसे बच्चे करके सीखने में अधिक रुचि लेते हैं। इसमें मास्टर ट्रेनर्स के रूप में मंजू साहू शिक्षिका शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मटका तथा केजहा राम निषाद व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल करंजिया नवागांव तथा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से अंजली सिंह इस प्रशिक्षण के लिए डीआरजी की भूमिका निभा रहे हैं। इस प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी डाइट की व्याख्याता कीर्ति घृतलहरे है। प्रशिक्षण में जिला शिक्षा अधिकारी डॉ.कमल कपूर बंजारे ने कहा कि जब यहां से सीख करके, प्रशिक्षण लेकर के जब आप अपने विद्यालय जाएंगे तो अपने विद्यार्थियों में इसे लागू करेंगे तभी आपके विद्यालय से अनुपस्थिति की भरपाई हो सकेगी।

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