राजनांदगांव

सागौन तस्करी में पांच आईटीबीपी जवानों पर वन अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई
28-Dec-2020 1:23 PM
सागौन तस्करी में पांच आईटीबीपी जवानों पर वन अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

जवानों के करतूतों पर अफसरों ने साधी चुप्पी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 दिसंबर।
घोर नक्सल प्रभावित डोंगरगढ़ वन परिक्षेत्र के घोटिया-तोतलभर्री में सागौन की तस्करी करते सपड़ाए जवानों की पहचान करने के बाद वन विभाग गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई करने की तैयारी में है। 

बताया गया है कि पूरे घटनाक्रम को लेकर सीसीएफ शालिनी रैना ने वन अफसरों को वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर ठोस कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। बताया जा रहा है कि डोंगरगढ़ रेंज  के एसडीओ टीएस खान और रेंजर रतिराम कुर्रे जब्त सागौन की लकडिय़ों को ठूठ  से मिलान कराने जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि जंगल से कटाई होने की पुष्टि तथा किसी व्यक्ति से खरीदी किए जाने की स्थिति में अलग-अलग धाराओं के तहत कार्रवाई होगी।

मिली जानकारी के मुताबिक सागौन कटाई के लिए प्रशासन से लेकर वन महकमे की अनुमति लेने का प्रावधान है। वन अफसर पूरे मामले में कार्रवाई करने के लिए हर स्तर पर जानकारी जुटा रहे हैं। हालांकि प्रशासन का रूख भी पूरे मामले में लचीला दिख रहा है। बताया जा रहा है कि पैरामिलिट्री फोर्स आईटीबीपी के नक्सल समस्या पर दिए गए योगदान  को दृष्टिगत रखते हुए कार्रवाई करने में लीपापोती की जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि अनुशासन पसंद आईटीबीपी के अफसरों की ओर से जवानों के करतूतों को लेकर अब तक कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की गई है। सूत्रों का कहना है कि आला अफसर तस्करी में शामिल जवानों के बचाव के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। 

मिली जानकारी के मुताबिक वन महकमे ने वाहन चालक के बयान के आधार पर टीके अमित कुमार, संजू नायर, वाहन चालक सुखराम वैष्णवी, एसआई त्रिलोचन सिंह तथा आरक्षक अनिल भाटी के तस्करी में शामिल होने पर कार्रवाई को लेकर जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने बकायदा जवानों को सरकारी वाहन में सागौन की लकडिय़ां ले जाते घेर लिया। 

ग्रामीणों के बताए बयान में यह बात भी सामने आई है कि कार्रवाई से बचने के लिए जवानों ने राजनांदगांव से अतिरिक्त फोर्स भी बुला लिया। इस दौरान ग्रामीणों और आईटीबीपी के जवानों में काफी बहस हुई। जवानों ने ग्रामीणों के साथ गाली-गलौज भी की। उधर आईटीबीपी के अफसर पूरे मामले में चुप्पी साधकर जवानों को बचाने की फिराक में है। इस संबंध में डीआईजी छोटाराम जाट ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि इस मामले की मुझे कोई जानकारी नहीं है। वह घटना को लेकर जानकारी लेंगे। 
इस बीच आईटीबीपी के जवानों को आधी रात बिना सुरक्षा के वाहन लेकर प्रवेश करने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। नक्सल क्षेत्र होने के बावजूद जवानों ने  बिना सुरक्षा जंगल में प्रवेश किया। पूरे मामले में आईटीबीपी की ओर से अब तक कार्रवाई करने को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई।

 

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