राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 दिसंबर। जिले के खैरागढ़ वन मंडल में बाघ की मौजूदगी से हलाकान वन अमले को तीसरे दिन बाघ की हलचल नजर नहीं आई। हालांकि ग्रामीण इलाकों में वन अमले की ओर से मुनादी कराकर बाघ से बचने लोगों को चेतावनी दी गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक ढ़ारा के आसपास सटे गांवों में बाघ देखे जाने की कुछ भ्रामक खबरें भवी सामने आ रही है। वन अफसर हर खबरों को बकायदा तस्दीक कर बाघ की खोजबीन में लगे हुए हैं। बताया जा रहा है कि बाघ के ओझल होने पर वन महकमा ढ़ारा से सटे जंगलों में उसके प्रवेश करने की संभावना जताई है। ढ़ारा से जंगल की दूरी करीब 4 किमी दूर है। सोमवार सुबह से लेकर दोपहर तक बाघ की कहीं हलचल होने की जानकारी नहीं मिली है। माना जा रहा है कि जंगल में एक बार दाखिल होने के बाद बाघ की वापसी की संभावना कम है।
इस संबंध में खैरागढ़ डीएफओ संजय यादव ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि सोमवार को बाघ को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है। कहीं-कहीं बाघ देखने की खबरें भी मिली, जिसे तस्दीक किया गया, लेकिन उसका पता नहीं चला।
इस बीच खैरागढ़ वन मंडल में पिछले 26 दिसंबर को दिखे बाघ की उपस्थिति को लेकर गांव-देहातों में लगातार वन अफसर फील्ड में डटे रहे। कल ढ़ारा के करीब ढोखेडबरी और आल्हानवागांव में बाघ को देखे जाने की जानकारी मिली थी। बाघ की तस्दीक के लिए दर्जनभर गांवों में वन विभाग की टीम तैनात रही। वहीं सीसीएफ शालिनी रैना ने भी गांवों का दौरा किया।
बताया जा रहा है कि बाघ का लोकेशन पता करने के लिए पूरे मुस्तैदी के साथ टीम फील्ड में तैनात रही। उधर आज बाघ की हलचल नहीं मिलने से वन अमले ने राहत की सांस ली है, लेकिन मैदानी अमला अब भी जमीनी स्तर पर बाघ की तलाश कर रहा है।