राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 दिसंबर। मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ की स्थापना कर देशभर में पहचान दिलाने वाले बर्फानी दादाजी के अंतिम संस्कार के तीसरे दिवस 27 दिसंबर को राजनांदगांव लौटकर बर्फानी दादाजी के अनेक शिष्यों ने शिवनाथ नदी मोहारा में विधि विधान व मंत्रोच्चार के मध्य अपने सिर मुंडवाकर व तर्पण क्रिया कर भावभीनी भावांजलि अर्पित की। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के अन्य स्थलों में भी उनके भक्तों द्वारा भावांजलि अर्पण करने का कार्य किया जा रहा है।
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू ने बताया कि बर्फानी दादाजी का 23 दिसंबर की रात्रि में गुजरात के अहमदाबाद में देवलोक गमन पश्चात 25 दिसंबर को 5 प्रमुख स्थलों के महामंडलेश्वरों द्वारा अंतिम संस्कार क्रिया की गई थी। अंतिम संस्कार के तीसरे दिवस हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार जहां मेहंदीपुर में अस्थि एकत्रित की गई। वहीं राजनांदगांव में उनके भक्तों द्वारा शिवनाथ नदी के तट पर दीपक जोशी, डोमन महाराज, सूरज जोशी, मनीष परमार, योगेन्द्र पांडे, संतोष खंडेलवाल, संजय खंडेलवाल, चंद्रकुमार जायसवाल, प्रकाश गुप्ता, विनय सोनी, विकास सोनी, आलोक जोशी, डॉ. सुबोध गुप्ता, संतोष साहू, अधीनराम सिन्हा, रविन्द्र डोंगरे, अनील वर्मा, धनुकराम वर्मा, सुनील यादव, सुखीराम, युवराज देशमुख, गजानंद गौतम, अजय कन्नौजिया, एकानंद पुरी, मुचुंद पुरी, अरुण सोनवानी, प्रमोद राजपूत, हुकुमचंद साहू ने अपने सिर के बाल को अर्पित करते शिवनाथ नदी में डुबकी लगाकर तर्पण क्रिया को पूर्ण करते भावांजलि अर्पित की।