राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 दिसंबर। प्रदेश और जिले में किसानों के प्रति हो रहे अत्याचार और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाकर न्याय दिलाने की चिंता करना छोड़, किसान बिल का विरोध करने दिल्ली कूच करने वाले स्वयंभू किसान नेताओं को सांसद संतोष पांडे ने आड़े हाथों लेते स्थानीय स्तर पर आवाज उठाने की बात की है।
उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा कि आए दिन अखबारों में खबर प्रकाशित कर मानपुर वनांचल में चल रहे धान खरीदी में किसानों की समस्या को उजागर किया था। छत्तीसगढ़ के सभी धान खरीदी केंद्र उसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं। घुमका में किसान की मौत और शहीद की पत्नी से वसूली की आग अभी बुझी नहीं थी, कि मानपुर में अधिक धान खरीदी का मामला सामने आया, लेकिन इन सभी समस्याओं की चिंता किए बिना अपनी रोटी सेंकने और केंद्र को बदनाम करने की नीयत से कुछ स्वयंभू किसान नेता दिल्ली जा रहे हैं, जो साबित करने को काफी है कि ये लोग बस राजनीति कर रहे हैं, इनको किसानों से कोई सरोकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि मानपुर वनांचल में धान खरीदी केंद्र में बारदाने की समस्या तो आम है। अब धान का उठाव नहीं होने से समिति की परेशानी अलग बढ़ी हुई है।
पटवारियों के हड़ताल से जिन किसानों के रकबा में गड़बड़ी है वो भी परेशान हैं, बहुत से किसान टोकन और गत वर्ष के धान के पैसे नहीं मिलने से धान खुले मार्केट में बेच रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के किसानों की इस हालत पर सवाल उठाने की जगह मानपुर इलाके में सक्रिय कुछ स्वयंभू किसान नेता दिल्ली में चल रहे आंदोलन में पंजाब के किसानों के सहयोग के लिए जा रहे हैं। ऐसे लोग अपने एजेंडे के तहत केंद्र सरकार को बदनाम करना चाहते हैं।