राजनांदगांव
फाईल फोटो
आईटीबीपी मुख्यालय की कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 दिसंबर। सागौन तस्करी के मामले में पैरामिलिट्री फोर्स आईटीबीपी के साख को लगे धक्के के बीच फोर्स के मुख्यालय ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जिले में पदस्थ डीआईजी छोटाराम जाट को बर्फीले इलाके लेह तबादला कर दिया है। बताया जा रहा है कि आईटीबीपी की छवि को सागौन तस्करी मामले में दाग लगा है। डीआईजी जाट को हटाए जाने के फैसले को इसी प्रकरण से जोडक़र देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि आलाधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। डीआईजी से लेकर अन्य अधिकारी पूरे प्रकरण पर विभागीय कार्रवाई करने को लेकर लोगों के सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक प्रशासनिक कारणों का हवाला देकर मुख्यालय ने डीआईजी को उत्तर पश्चिमी फ्रंटियर लेह में पदस्थ किया है। आईटीबीपी के उप महानिरीक्षक (कार्मिक) ओपी यादव की ओर से जारी आदेश में डीआईजी जाट को 24 घंटे के भीतर नई इकाई के लिए कार्यमुक्त किए जाने का आदेश दिया गया है।
बताया जा रहा है कि आईटीबीपी के जिन पांच जवानों का नाम तस्करी में सामने आया है उस पर संज्ञान लेते हुए अफसरों को सीधे कार्रवाई करनी थी, लेकिन पूरे मामले को टालने और दबाने में ही अफसरों का ध्यान रहा। यह मामला काफी सुर्खियों में आ गया है। तस्करी में आईटीबीपी एसआई सहित 4 जवान और एक अन्य नाम शामिल है। तोतलभर्री और घोटिया में आईटीबीपी के वाहन में ग्रामीणों ने सागौन की लकडिय़ां जब्त की थी। पूरे मामले को लेकर प्रशासन और पुलिस की ओर से भी कार्रवाई नहीं किए जाने पर सवाल खड़ा किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि आईटीबीपी के एसआई त्रिलोचन सिंह, आरक्षक अमित सिंह रावत, संजू नायर, वाहन चालक सुखराम वैष्णवी तथा अनिल बनवारीलाल भाटी के साथ ट्रेक्टर चालक मुनीराम पर तस्करी में शामिल होने का आरोप है। इधर वन महकमे की ओर से जवानों से पूछताछ नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि वन महकमा इस मामले को राजस्व विभाग को देने की तैयारी में है। इसके पीछे भी अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं। आईटीबीपी के जवानों पर सीधे कार्रवाई नहीं करने का दबाव वन महकमे पर है। लिहाजा भौतिक सत्यापन के बाद वन विभाग की ओर से प्रशासन की ओर से कार्रवाई करने के लिए फाईल भेजी जाएगी। बहरहाल आईटीबीपी डीआईजी को हटाए जाने के बाद फोर्स में हडक़ंप की स्थिति है।