दुर्ग
दुर्ग, 29 दिसंबर। ग्राम पंचायतों में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर के मानदेय को लेकर सरपंच भी चिंतित हंै। 15वें वित्त आयोग में किसी प्रकार का वेतन व स्थापना व्यय नहीं किए जाने की आदेश के बाद मानदेय के लिए राशि नहीं होने पर ग्राम पंचायतों में कार्यरत इन कंप्यूटर ऑपरेटरों को निकालना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतों में किये जाने वाले ऑनलाइन कार्य ठप पड़ जाएंगे। पंचायत के अन्य कार्यों पर भी इससे प्रभाव पड़ेगा। इसे लेकर चिंतित सरपंचों ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर 15वें वित्त से मानदेय देने का प्रावधान जारी करने की मांग की है।
ज्ञापन सौंपने वाले सरपंचों का कहना है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा पूर्व में 14वें वित्त आयोग मद की राशि से 4000 प्रतिमाह की मानदेय ग्राम पंचायतों में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर को दिया जा रहा है।
कुछ समय के बाद सभी ग्राम पंचायतों में 14वें वित्त आयोग मद की राशि समाप्त कर दिया जाएगा। वहीं 15वें वित्त आयोग से मानदेय की व्यवस्था नहीं होने पर ग्राम पंचायतों में कार्यरत इन कंप्यूटर ऑपरेटरों को कहां से मानदेय का भुगतान करेंगे। ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतों के कंप्यूटर ऑपरेटर को उनके पद से निकालना पड़ सकता है। ग्राम पंचायत में कम्प्यूटर ऑपरेटर नहीं होने पर पंचायतों के कामों में इसका प्रभाव पड़ेगा। पंचायत आपरेटरों द्वारा स्कूली बच्चों, किसानों एवं ग्रामीणों को दिए जा रहे सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ सकता है।
उनका कहना है कि ग्राम पंचायत में नियुक्त कंप्यूटर ऑपरेटरों द्वारा प्रिया साफ्ट ऑनलाइन, प्लान प्लस, एक्शन सॉफ्ट, नेशनल असेट्स डायरेक्टरी, एरिया प्रोफाइलर, सर्विस प्लस, सामाजिक अंकेक्षण एवं मीटिंग प्रबंधन, प्रशिक्षण प्रबंधन, भौगोलिक सूचना प्रणाली, नेशनल पंचायत पोर्टल, लोकल गवर्नमेंट डायरेक्टरी, ऑनलाइन अंकेक्षण के अलावा नए सॉफ्टवेयर ई ग्राम स्वराज पोर्टल अंतर्गत डीएससीपीएफएमसी भुगतान का कार्य भी किया जाता है। राशन कार्ड नवीनीकरण, प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ भारत मिशन बेसलाइन सर्वे, जियो टैगिंग के साथ ही वर्तमान में संचालित शासन की महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना, गौठान में सहयोग एवं दैनिक तथा सप्ताहिक प्रतिवेदन बनाना, ग्राम पंचायत के समस्त ऑनलाइन एवं ऑफलाइन कार्य इन कंप्यूटर ऑपरेटरों द्वारा किया जा रहा है।