दुर्ग
![सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने वाला स्वयं व पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है- श्रीवास्तव सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने वाला स्वयं व पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है- श्रीवास्तव](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1612178192_durg_photo-2.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 1 फरवरी। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के सहयोग से नशा मुक्ति एवं तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जागरूकता हेतु कार्यशाला होटल कैम्बियन में आयोजित की गई। राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश अध्यक्ष जिला सेवा प्राधिकरण दुर्ग के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में आयोजित कार्यशाला में नशा मुक्ति के संबंध में नालसा की योजना के तहत जागरूकता लाने हेतु प्रशांत कुमार देवांगन व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 दुर्ग तथा राहुल शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग एवं विवेक शुक्ला नगर पुलिस अधीक्षक, डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यशाला में पुलिस विभाग के अधिकारी एनजीओ तथा पैरालीगल वालंटियर उपस्थित थे।
कार्यशाला में न्यायाधीश प्रशांत देवांगन ने कोपा अधिनियम के अंतर्गत जानकारी देते हुए बताया कि सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पादन (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्यिक उत्पादन प्रदाय और वितरण) का विनियम अधिनियम 2003 के क्रियान्वयन हेतु पुलिस के लिए कुछ मार्गदर्शन दिए, जिसमें सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान करने पर 200 रुपये का जुर्माना, सिगरेट तथा किसी अन्य तंबाकू के विज्ञापन का निषेध जिसमें 1000 रुपये का जुर्माना, 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का सिगरेट व तंबाकू के सामग्री का विक्रय करने पर 200 रुपये जुर्माना, शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के अवधि में ऐसे सामानों की बिक्री पर 200 रुपये जुर्माना तथा तंबाकू उत्पादों के पैकिंग पर स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी उल्लेखित न नहीं होने पर 5000 रुपये का जुर्माना और दो वर्ष का कारावास हो सकता है।
विधिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राहुल शर्मा ने नालसा उन्मूलन संबंधित के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि नशा व्यक्तिगत के साथ-साथ समाज में भी बुरा प्रभाव डालता है। मोटर दुर्घटना के अधिकांश मामले में नशे की हालत में गाड़ी चलाने के कारण ही होती है। समाज में युवा वर्ग वर्तमान परिस्थिति में नशे की ओर आकर्षित होते हैं। कई जगह पर अनुचित रूप से हुक्का बार भी चलाया जाता है, जिसमें युवा वर्ग की भागीदारी ज्यादा रहती है, जो उनके भविष्य को अंधकार में डाल देती है तथा समाज में उसका बुरा प्रभाव पड़ता है। परिवार में नशा करने वाला व्यक्ति का परिवार टूटने लगता है तथा बिखर जाता है। घरेलू हिंसा का एक मुख्य कारण नशा भी है।