राजनांदगांव
![कोरोनामुक्त होते नांदगांव जिले में आठ माह बाद मात्र 6 नए मरीज कोरोनामुक्त होते नांदगांव जिले में आठ माह बाद मात्र 6 नए मरीज](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1612422987jn__2_File_Photo.jpg)
9 ब्लॉकों में से 7 में एक भी मरीज नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 फरवरी। राजनांदगांव जिले में सालभर से कोरोना के खिलाफ जारी जंग में आखिरकार इस वैश्विक महामारी के चपेटे में आने वालों की संख्या अब चुनिंदा रह गई है। करीब 8 माह बाद कोरोना के नए मरीज सामने नहीं आने से एक सुकुन के साथ स्वास्थ्य महकमे और आम लोगों में मानसिक दबाव कम हुआ है। जिले के 9 ब्लॉकों में से करीब 7 में नए मरीजों की संख्या शून्य हो गई है। वहीं नांदगांव शहर में भी पिछले कुछ दिनों के भीतर अधिकतम दो से तीन मरीज ही सामने आए हैं। कुल मिलाकर जिले में आधा दर्जन मरीज ही इस बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं। जनवरी और फरवरी के महीने में घटती संख्या से कोरोना की मारक क्षमता कुंद पड़ गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में नए मरीज नहीं मिल रहे हैं। लिहाजा राजनांदगांव जिले के कई कोविड सेंटर अब बंद होने की स्थिति में है। हालांकि जिले में गुजरे साल से आज पर्यन्त करीब 20 हजार पॉजिटिव मरीज मिले हैं। एक्टिव केस की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है। स्वास्थ्य महकमे के मुताबिक 300 मरीज ही फिलहाल इस बीमारी की चपेट में है। कोरोना के नियंत्रित होने से स्वास्थ्य महकमे की महत्वपूर्ण कड़ी माने जाने वाले अमले के सिर से बड़ा भार कम हुआ है। जिले में जिस तरह से रोज एक्का-दुक्का मामले सामने आ रहे हैं, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना से बड़ी राहत लोगों को मिल रही है।
बताया जा रहा है कि 20 हजार मरीजों में से करीब 19 हजार 700 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं। मौतों का आंकड़ा भी लंबे समय से स्थिर बना हुआ है। कोरोना के जंग में जिले से 185 लोगों को अपनी जिंदगी खोनी पड़ी। जिसमें ज्यादातर उम्रदराज मरीज हैं और उनमें दूसरी बीमारियां होना भी मौत की वजह बताई गई। राजनांदगांव जिले में फिलहाल होम आईसोलेट रेट होकर मरीज अपना इलाज कर रहे हैं। पूरे साल स्वास्थ्य कर्मचारियों को इस जंग में दो-दो हाथ करना पड़ा। वहीं कई चिकित्सक और लैब टेक्निशियन के अलावा स्टॉफ नर्स और मैदानी अमला भी इस बीमारी से संक्रमित रहा। इसके बावजूद पूरी जवाबदारी के साथ स्वास्थ्य महकमे ने कोरोना को मात देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। बताया जाता है कि जिले में रोजाना 1200 सैम्पलों की जांच की जा रही है। जिनमें अधिकतम 4 से 5 मरीज ही समूचे जिले में संक्रमित मिल रहे हैं। राजनांदगांव शहर में भी स्थिति अब सामान्य हो गई है। लोगों को कोरोना से मिल रही राहत के पीछे वैक्सीन भी एक वजह है। माना जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन और लोगों की सतर्कता के चलते पड़ रहे दोहरे मार से कोरोना वायरस अब कमजोर पड़ गया है। कुल मिलाकर अब जिले में तेजी से कोरोना की संख्या शून्य की ओर बढ़ रही है।