बलौदा बाजार
200 बिस्तर अस्पताल पहले से शहर में मौजूद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 10 फरवरी। बलौदाबाजार जिले में परंपरागत शिक्षा का ही प्रसार हुआ है लेकिन तकनीकी और रोजगारोन्मुखी शिक्षा व्यवस्था पर किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया और न ही यह उनकी प्राथमिकता में रहा। समुचित मेडिकल सुविधाओं के लिए बरसों से तरसते यहां के क्षेत्रवासियों का मानना है कि अगर जिले के जनप्रतिनिधि सरकार पर दबाव बनाऐंगे तो अगले सत्र में जिले को मेडिकल कॉलेज मिल सकता है।
6 सीमेंट संयंत्रों वाला 15 लाख आबादी का यह जिला जल्द ही रेल्वे लाइन से भी जुडऩे वाला है। जिले के सरसीवां, बिलाईगढ़, भटगांव, बया, कसडोल क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा दूरस्थ ग्रामीण तथा वन क्षेत्रों में बसा है जहां पर सामान्य चिकित्सा सुविधा तक समय पर उपलब्ध नहीं हो पाती है। जिले में 100 बिस्तर वाला जिला चिकित्सालय पहले से है तथा 100 बिस्तर वाला प्रसूति अस्पताल बनकर भी तैयार है। ये मांग इस वक्त इसलिए भी उठ रही है क्योंकि केंद्रीय बजट के अनुसार देश के हर जिले में राज्य सरकार के सहयोग से मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है जिसके तहत प्रदेश में 3 नए मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें से कांकेर, महासमुंद, कोरबा के नाम तय हो चुके हैं और इनके डीन भी नियुक्त हो चुके हैं। इनके अलावा जो 6 अतिरिक्त मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा इस माह में होने वाले बजट सत्र में किए जाने की संभावना है।
जनप्रतिनिधि बोले- मिलना ही चाहिए मेडिकल कॉलेज
इस संबंध में जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी बलौदाबाजार में मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता की बात स्वीकार करते हुए इसके लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही है। क्षेत्र के सांसद सुनील सोनी ने बलौदाबाजार जिले में मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए कहा कि जिले के लिए मेडिकल कॉलेज मेरी प्राथमिकता में रहेगा।
संसदीय सचिव एवं विधायक कसडोल शकुंतला साहू ने कहा कि जिले में मेडिकल कॉलेज खुले यह मेरा भी सपना है और मैं इसके लिए हरसंभव प्रयास करूंगी। संसदीय सचिव एवं बिलाईगढ़ विधायक चंद्रदेव राय ने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में आने से पहले जब मैं शिक्षा के क्षेत्र में था तब से मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता को महसूस करता था अब जब यह अवसर आया है तो मैं इसके लिए पुरजोर प्रयास करूंगा।
मिलेंगी चिकित्सा छात्रों की सेवाएं
जिले में 100 बिस्तर वाला जिला चिकित्सालय पहले से है तथा 100 बिस्तर वाला प्रसूति अस्पताल बनकर भी तैयार है। ऐसे में मेडिकल छात्रों को ट्रेनिंग के लिए अस्पताल उपलब्ध मिलेगा। चिकित्सकों के अभाव वाले इस जिले में मेडिकल के अंतिम वर्ष के छात्र चिकित्सकों की कमी दूर कर सकेंगे। वे इंटर्नशिप के दौरान जिला अस्पताल में ही सेवाएं देंगे। एक्सीडेंटल तथा गंभीर अवस्था में लाए गए अधिकतर मरीजों को यहां से 85 किमी दूर रायपुर रेफर किया जाता है। तात्कालिक स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारण ऐसे मरीजों की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में हो जाती है। उच्च स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध होने से मरीजों की मौत के आंकड़ों में कमी आएगी। नीट परीक्षा में चयनित छात्र बलौदाबाजार मेडिकल कॉलेज को अपनी प्राथमिकता में रख सकेंगे, इससे जिले के आर्थिक दृष्टि से कमजोर छात्र भी मेडिकल का अध्ययन आसानी से कर सकेंगे।
जिले के 300 से 350 छात्र हर वर्ष देते हैं नीट की परीक्षा
कृषि महाविद्यालय भाटापारा में होने के कारण यहां खाद्य प्रौद्योगिकी अथवा उद्यानिकी महाविद्यालय की भी लंबे अर्से से मांग की जा रही है। बलौदाबाजार अनुसूचित जाति, जनजाति बहुल क्षेत्र है। प्रतिवर्ष जिले से 300 से 350 छात्र-छात्राएं मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की आशा से नीट की परीक्षा देते हैं। डीके कॉलेज की दुर्गेश्वरी साहू बीएससी फाइनल, एमएससी की छात्रा मनप्रीत कौर, बीएससी की छात्रा ईशान महोबिया और एमएससी की छात्रा कुसुम दीवान ने कहा कि इस वर्ष कोरोना संकटकाल में प्रशासन ने परीक्षा केंद्रों तक 345 विद्यार्थियों के आने-जाने के लिए 15 बसों के माध्यम से नि:शुल्क व्यवस्था की थी। हर वर्ष नीट परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
हर विभाग को एक-एक टीम मिल जाएगी
जिला अस्पताल में पैथोलॉजी स्पेशलिस्ट डॉ. अशोक वर्मा ने कहा कि किसी भी जिले के लिए मेडिकल कॉलेज का मिलना वरदान से कम नहीं होता। जिले में इसके खुलने से सभी विभाग में स्पेशलिस्ट डॉक्टर के साथ हर विभाग को डॉक्टरों को एक-एक टीम मिल जाएगी। जिला अस्पताल में मनोरोग, नाक, कान, गला, एमडी निश्चेतना(बेहोशी)विशेषज डॉक्टर भी नहीं हैं। हड्डी रोग विभाग में मशीनें भी नहीं हंै। जरूरत की सभी चीजें उपलब्ध होंगी-नर्सिंग के लिए ट्रेनिंग मिलने लगेंगी, वार्ड ब्वॉय, स्वीपर, पैरामेडिकल स्टाफ सहित कई नियुक्तियां होंगी जिससे प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार मिलेगा।