दुर्ग
दुर्ग, 10 फरवरी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में विशेष अभियान प्रयास (एक कदम साइबर अपराध को रोकने हेतु) 9 फरवरी को प्रारंभ किया गया। प्रारंभिक स्तर पर वित्तीय संस्थान जैसे कि बैंकिंग से संबंधित अपराध को रोकने हेतु बैंकों के ग्राहकों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस अपराध से ग्रामीण के साथ-साथ शहरवासी भी काफी ठगे जा रहे हैं, जिसको रोके जाने हेतु यह अभियान प्रारंभ किया गया है।
अभियान का शुभारंभ सिविक सेंटर भिलाई में किया गया। राहुल शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि साइबर अपराध, जिसे इलेक्ट्रानिक अपराध के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसा अपराध है, जिसमें किसी भी अपराध को करने के लिए कम्प्यूटर, नेटवर्क डिवाइस या नेटवर्क का उपयोग, एक वस्तु या उपकरण के रूप में किया जाता है। डिजिटल लेन-देन के बढ़ते दौर में बैंक अकाउंट से धोखाधड़ी की घटनाएं तेजी से बढ़ी है, जहां गैर कानूनी ढंग से बैंक अकाउंट से अनाधिकृत लेन-देन होते हैं। इसे ऑनलाइन फ्रॉड, डिजिटल फ्रॉड या साइबर फ्रॉड की परिभाषा दी गई है। हैकर्स आपके अकाउंट की डिटेल हासिल करके उससे पैसे निकाल लेते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि अगर कोई भी अनाधिकृत लेन-देन होता है तो उसके बाद भी आपका पूरा पैसा वापस मिल सकता है।