दुर्ग

पत्नी के मालिकाना हक व आधिपत्य के मकान पर 26 लाख का ऋण, पति पर एफआईआर
15-Feb-2021 5:12 PM
पत्नी के मालिकाना हक व आधिपत्य के मकान पर 26 लाख का ऋण, पति पर एफआईआर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

भिलाई नगर,  15 फरवरी । पत्नी के मालिकाना हक एवं आधिपत्य वाले मकान को उसकी बिना स्वीकृति के निजी बैंक में बंधक रखकर 26 लाख 50 हजार का ऋण पति के द्वारा प्राप्त किया गया। खुलासा होने पर पत्नी की रिपोर्ट पर आरोपी पति के खिलाफ सुपेला पुलिस द्वारा कूट रचित दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में पत्नी ने उल्लेखित किया है कि संयुक्त ऋण प्राप्त करने के लिए दस्तावेजों में उनके हस्ताक्षर भी फर्जी है।

प्रार्थी सरिता अग्रवाल मेन मार्केट न्यू खुर्सीपार वार्ड 36 भिलाई की निवासी हैं। उक्त मकान सरिता अग्रवाल के स्वामित्व एवं अधिपत्य में है। जिसमें श्रीमती अग्रवाल अपनी दो संतान जतिन अग्रवाल (पुत्र) तथा सृष्टि अग्रवाल (पु़त्री) के साथ रहती है।  पति ऋषिकेष अग्रवाल अलग रहते हैं। गत 31/12/2019 को उक्त निवास पर एयू स्माल फाइनेंस बैंक लिमिटेड की स्थानीय सुपेला भिलाई शाखा के कर्मचारियों के द्वारा ऋण की वसूली हेतु एक नोटिस चस्पा किये गया। जिसमें श्रीमती अग्रवाल के निवासस्थल को बंधक रखकर रू. 26 लाख पचास हजार का ऋण पति एवं श्रीमती अग्रवाल के नाम से उस बंैक से निकाला गया है। बैंक-ऋण की यह खबर ने सरिता अग्रवाल को हतप्रभ कर दिया। इस बैंक से श्रीमती अग्रवाल द्वारा कोई कर्ज नहीं लिया था और न ही अपनी संपत्ति बंधक रखी थी। 

उक्त नोटिस मिलने के तुरंत बाद श्रीमती अग्रवाल ने ऋण लिये जाने एवं उसके विरूद्ध  संपत्ति को बंधक रखे जाने से इंकार करते हुए बैंक के कर्मचारियों को पत्र लिखा तथा उक्त ऋण से संबंधित दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान करने का आग्रह किया। किन्तु बैंक के द्वारा कोई भी दस्तावेज रू. 200/- का शुल्क लेने पर भी प्रदान नहीं किया। 

श्रीमती अग्रवाल ने आरोप लगाया कि स्पष्ट तौर पर बैंक के कर्मचारियों ने किसी के साथ मिलकर जालसाजी की है तथा श्रीमती अग्रवाल की संपत्ति को अवैध रूप से बंधक रखा है। बैंक ने इस फर्जीवाड़े की जांच नहीं की तथा जानकारी रहने के बावजूद उपर्युक्त संदर्भित प्रशांत देवांगन ने  संपत्ति का कब्जा लेने हेतु न्यायालय में सरफेसी अधिनियम के अंतर्गत आवेदन किया है। 

प्रशांत देवांगन के द्वारा न्यायालय में जमा किये गये दस्तावेजों से पता चला है कि, पति ऋ षिकेष अग्रवाल  एवं सरिता अग्रवाल से रू. 26 लाख 50 हजार का ऋण निकाला गया है तथा इसमें शंकर अग्रवाल जमानतदार है। 

सरिता अग्रवाल ने शिकायत में उल्लेखित किया है कि संपूर्ण ऋण-दस्तावेजों पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किसी अन्य व्यक्ति ने किये है। प्रशांत देवांगन ने या तो स्वयं फर्जी दस्तावेज तैयार किये है या यह जानते हुए कि वे दस्तावेज फर्जी है उन्हें अवैध ऋण की वसूली के लिये उपयोग किया है।  प्रशांत देवांगन ने फर्जीवाड़े की जानकारी होते हुए भी न्यायालय के समक्ष झूठा शपथपत्र दिया है। संपत्ति के कागजात पति ऋषिकेष अग्रवाल के पास रहते थे और वहीं बतला सकते हंै कि उक्त संपत्ति को श्रीमती अग्रवाल के सहमति के बिना बैंक के पास बंधक कैसे रखा गया तथा ऋण का पैसा किसको मिला।
 
प्रशांत देवागन एवं अन्य के द्वारा की गयी धोखाधड़ी एवं निवासस्थल से आसन्न बेदखली से गंभीर संकट आ खड़ा हुआ है।  सरिता अग्रवाल की रिपोर्ट पर से आरोपी ऋषिकेश अग्रवाल न्यू खुर्सीपार भिलाई हाल मुकाम विधायक कॉलोनी सिटी 36 मॉल रायपुर के खिलाफ धारा 420, 467,468 एवं 471 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

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