राजनांदगांव
महत्वपूर्ण सेवाएं देने वाली महिलाएं हुईं सम्मानित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 मार्च। महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेडिय़ा ने शुक्रवार को पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा सृजन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मान समारोह का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते उन्होंने कहा कि महिलाएं कमजोर नहीं सक्षम है। जीवन में कई तरह की परिस्थितियां आती है और महिलाएं कठिन परिस्थितियों का सामना कर भी सशक्त बन रही है। उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली है, छत्तीसगढ़ में महिला प्रताडऩा की घटना कम होती है और नारियों का सम्मान होता है। प्रदेश और देश की बेटियां सभी क्षेत्रों में अपना नाम रौशन कर रही है। राजनीतिक, व्यावसायिक, शिक्षा, सामाजिक जैसे सभी क्षेत्रों में बेटियां आगे बढ़ रही है। उन्होंने इस कार्यक्रम में आमंत्रण के लिए अध्यक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण एवं डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू को धन्यवाद दिया। समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में अपना विशेष योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया।
राज्य महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि महिलाएं कमजोर नहीं है और पुरूष अत्याचारी नहीं है। उन्होंने कहा कि पुरूष यह मानते हंै कि उनकी सफलता के पीछे उनकी माता, पत्नी या बेटी का हाथ होता है। हमारे देश में शक्ति के लिए मां दुर्गा और काली की पूजा तथा ज्ञान के लिए माता सरस्वती की पूजा करने की परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि जिस परिवार में महिला का सम्मान होता है, वहां समृद्धि आती है। उन्होंने बताया कि सिविल कोर्ट के तहत आयोग को यह अधिकार है कि महिलाओं से संबंधित हर तरह के प्रकरणों में सुलह-समझौता करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जनसुनवाई करते आयोग द्वारा 1100 मामलों का निराकरण किया गया है, जो भारत में एक रिकार्ड है।
इस अवसर पर मंचस्थ अतिथि पद्मश्री फूलबासन यादव, सृजन फाउंडेशन अध्यक्ष जयश्री साहू, डॉ. साधना तिवारी, शारदा तिवारी, टिकेश्वरी कौशिक, अर्चना दास, अजमीना अली एवं प्रीति वैष्णव उपस्थित थी। अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास रेणु प्रकाश एवं अन्य अतिथि उपस्थित थे।
दामिनी नाट्य मंचन की प्रस्तुति
इस अवसर पर गरियाबंद जिले के रंग सरोवर के दामिनी नाट्य मंचन की सशक्त एवं प्रभावी प्रस्तुति ने दर्शकों को अत्यधिक प्रभावित किया। नाट्य मंचन के माध्यम से बलात्कार, दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा, टोनही प्रथा जैसी घृणित विकृति एवं कुरीतियों को समाज से दूर करने का आव्हान किया गया और यह संदेश दिया गया कि नारी सशक्त है।