राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 14 मार्च। जिले के दक्षिणी इलाके मोहला-मानपुर के घने जंगल आग की लपटों से दहक रहे हैं। मोहला और मानपुर वन परिक्षेत्र के अंदरूनी इलाकों के जंगल को गर्मी के शुरूआती महीनों में आग सुलग रही है। सुलगते जंगलों से वन्य प्राणियों की जहां जान पर बात बन गई है। वहीं वनवासियों के लिए यह आफत साबित हो रहा है। वन महकमे के मैदानी अमले के लिए परेशानी इस बात की है कि महुआ के लिए वन बाशिंदे जंगलों को सफाई करने के बाद आग लगा रहे हैं, जिससे हवा के जरिये आग दूसरे हिस्सों को भी अपने चपेटे में ले रही है।
मार्च के पहले सप्ताह में ही राजनांदगांव और खैरागढ़ वन मंडल के घने जंगलों में आग की लपटे दिखाई पड़ रही है। बताया जा रहा है कि गर्मी के आहट के साथ ही जंगलों में सूखे पत्तों और पेड़ों को आसानी से आग के हवाले किया जा रहा है। वहीं कहीं-कहीं शरारती तत्वों की वजह से भी आग की घटनाएं बढ़ रही है। मोहला के पानाबरस जंगल का एक हिस्सा आग में जल रहा है। इसी तरह मानपुर के पल्लेमाड़ी जंगल में भी आग तेजी से फैल रही है। आग के चलते जंगल में चौतरफा धुंआ फैल गया है।
बताया जा रहा है कि महुआ के लिए ग्रामीण वृक्ष के आसपास साफ-सफाई करते हैं। सफाई से निकले कचरों को वहीं पर आग लगा दिया जाता है। इस लापरवाही के कारण जंगल के कई हिस्से आग के जद में आसानी से आ जाते हैं।
बताया जा रहा है कि न सिर्फ मोहला-मानपुर बल्कि अंदरूनी इलाकों के कई पहाड़ों में आग सुलग रही है। मोहला-मानपुर का पानाबरस का जंगल काफी घना है। पानाबरस के जंगल के संरक्षण के लिए पानाबरस वन विकास निगम की जिम्मेदारी है। पिछले कुछ बरसों से मोहला-मानपुर के घने जंगलों में बेशकीमती इमरती लकडिय़ों की धड़ल्ले से कटाई हुई है। आग के चलते जंगल की सुरक्षा पूरी तरह से खतरे में पड़ गई है। बताया जा रहा है कि आग लगने से सबसे ज्यादा भालू और तेन्दुए को खतरा रहता है। खासतौर पर भालू महुआ खाने के फेर में आग लगे इलाकों में भटकते रहते हैं। वहीं आग के कारण विशालकाय दूसरे पेड़ों को भी नुकसान होता है। इस संबंध में राजनांदगांव डीएफओ गुरूनाथन ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि इसकी जानकारी मैदानी अमले से ली जा रही है। इसके बाद आग बुझाने की कोशिश जरूर की जाएगी।
पिछले पखवाड़ेभर में खैरागढ़ वन मंडल के करेलागढ़ में जहां आग लगने की घटना सामने आई थी। वहीं अब मोहला-मानपुर का जंगल आग के चपेटे में है। आग लगने से तेन्दूपत्ता के जंगलों को भी नुकसान पहुंचने का अंदेशा बढ़ गया है। इन दिनों वन विभाग द्वारा तेन्दूपत्ता कटाई से पूर्व बुटा कटाई की जा रही है। बहरहाल सुलगते आग को बुझाने की अब तक कोशिश नहीं की गई है। जबकि गर्मी के साथ आग तेजी से जंगल में फैल रहा है।