राजनांदगांव
निलंबन रद्द करने एकजुट हुए कार्यालय लिपिक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 मार्च। शिक्षा विभाग की एक महिला लिपिक को निलंबित किए जाने के मामले में शिक्षक फेडरेशन और जिला शिक्षा अधिकारी के बीच विवाद छिड़ गया है। फेडरेशन ने इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम और कोषालय अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र लिखा है। बताया जा रहा है कि वेतन भुगतान में त्रुटि किए जाने के मामले में सहायक ग्रेड-2 हेमलता तिवारी को डीईओ ने निलंबित कर दिया। फेडरेशन का आरोप है कि डीईओ ने ही वेतन पर्ची में हस्ताक्षर किए थे। ऐसे में निलंबन की कार्रवाई के लिए लिपिक को बेवजह निशाना बनाया गया।
फेडरेशन के महासचिव सतीश ब्योहारे ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि डीईओ ने बेवजह लिपिक को निलंबित किया है। जिसका विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी द्वारा मनमानी की जा रही है। यहां बता दें कि राजनंादगांव जिले में फर्नीचर घोटाले में भी डीईओ सोम पर संगीन आरोप लगे हैं। उन पर बिना निविदा बुलाए दुर्ग जिले के कुछ लोगों को ठेका दिए जाने का आरोप है। इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय से भी शिकायत हुई है, जहां से राज्य सरकार को जांच करने का निर्देश भी दिया गया है।
छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ ने डीईओ एचआर सोम से मिलकर कार्रवाई करने पर ऐतराज जताया है। बताया जा रहा है कि पूरे मामले में कुछ शिक्षकों को 12 प्रतिशत के बजाय 21 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया गया। इस मामले की कथित रूप से जांच की गई। मामले में डीईओ ने सीधे लिपिक को दोषी ठहराते हुए निलंबित कर दिया। यह भी बताया जा रहा है कि महंगाई भत्ता लेने वाले शिक्षकों ने वापस रकम को शिक्षा कार्यालय में वापस भी कर दिया है। इसके बावजूद निलंबन की कार्रवाई होने पर फेडरेशन भडक़ गया है। पिछले कुछ दिनों से राजनांदगांव जिला शिक्षा कार्यालय चर्चा में है। बताया जा रहा है कि शिक्षकों ने डीईओ पर कई तरह के आरोप भी लगाए हैं। जिसमें आपसी मनमुटाव और वैमनश्यता के तहत कर्मियों को निशाने में रखकर कार्रवाई करने का आरोप भी डीईओ पर लगाया जा रहा है।