राजनांदगांव
48 गांव के लोगों की प्यास बुझाने बने प्रोजेक्ट से आया सियासी उबाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 मार्च। राजनंादगांव विधानसभा क्षेत्र के धीरी और सुरगी क्षेत्र के 48 गांवों की प्यास बुझाने के लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में बनाए गए धीरी प्रोजेक्ट पर हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस ने आक्रमक रूख अख्तियार करते हुए राज्य आर्थिक ब्यूरो तक शिकायत करने का मन बना लिया है। कांग्रेस नेता जितेन्द्र मुदलियार ने पूरे मामले को लेकर सडक़ तक की लड़ाई लड़ी है। उनका सीधा आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में ‘धीरी नल-जल योजना’ की राशि में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। 28 करोड़ रुपए की लागत के इस प्रोजेक्ट से 48 गांव के लोगों के कंठ प्यासे हैं। गर्मी के पहले ही दौर में धीरी और सुरगी क्षेत्र के बाशिंदे पानी के लिए तरस रहे हैं। इस मुद्दे पर सियासी उबाल उठ गया है। ‘छत्तीसगढ़’ ने मुदलियार से सीधी चर्चा की।
0 धीरी नल-जल योजना की असलियत क्या है? करोड़ों रुपए मिलने के बावजूद लोग क्यों प्यासे हैं?
00 इस योजना में हुए बंदरबांट के लिए सीधे तौर पर मेरा आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व सांसदद्वय अभिषेक सिंह और मधुसूदन यादव के अलावा अफसर और उद्योगपति इसके लिए जिम्मेदार हैं। यह सोचने का विषय है कि 28 करोड़ रुपए की लागत से इन्टकवेल और स्टॉपडेम निर्माण किया गया, लेकिन लोग पेयजल के लिए तरस रहे हैं। दरअसल तकनीकी रूप से पूरे मामले में हेराफेरी की गई है। इंटकवेल की ऊंचाई बढ़ा दी गई। जबकि स्टापडेम की ऊंचाई कम रखी गई। होना यह था कि इंटकवेल की ऊंचाई कम होती और स्टापडेम की ऊंचाई को बढ़ाया जाना था, ताकि पानी स्टापडेम में रहता।
0 पिछले कुछ दिनों से लगातार आप पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर निशाना साध रहे हैं, क्या आप इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश में हैं?
00 बिल्कुल नहीं, मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि पूरे मामले में मैं सिर्फ जनता के लिए लड़ रहा हूं। यह दुर्भाग्य है कि इस प्रोजेक्ट को लेकर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने आंख बंद कर ली। उद्योगपति और अफसर राजनीतिक संरक्षण के जरिये निजी हितों को साधने में कामयाब रहे। राजनीति करने के लिए और भी मुद्दे हैं। मैं लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए लड़ रहा हूं।
0 सांसद संतोष पांडेय ने इस मामले को लेकर लोकसभा में आवाज उठाई है, क्या आप मानते हैं एक तरह से आपकी मांगों का वह समर्थन कर रहे हैं।
00 सांसद पांडेय ने लोकसभा में जरूर इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन वह राजनीति कर रहे हैं। उन्हें इस मुद्दे पर सीधे केंद्र सरकार से एफआईआर दर्ज करने की मांग रखनी चाहिए थी। भाजपाई अपनी साख बचाने के लिए दिखावा कर रहे हैं।
0 अधिकारियों को लेकर आपका क्या रूख है, आप सीधे भाजपा नेताओं पर ही क्यों आरोप लगा रहे हैं?
00 पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के राज में ही यह भ्रष्टाचार हुआ है। अफसर बिना भाजपा नेताओं के संरक्षण में इतना बड़ा कदम नहीं उठा सकते थे। मैं कह रहा हूं कि भाजपा नेताओं के साथ-साथ अफसर और सांकरा के उद्योगपति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए।
0 आपका अगला कदम क्या होगा, जब भाजपा जनता के लिए लड़ाई लडऩे का दावा कर आंदोलन कर रही है?
00 करीब महीनेभर से 48 गांव के ग्रामीण पानी के लिए तरस रहे थे, उस समय भाजपा नींद में थी। चूंकि इस मामले में परोक्ष रूप से मैंने पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और मधुसूदन यादव पर आरोप लगाए हैं, तब अपनी इमेज सुधारने के लिए भाजपाई भीड़ लेकर गांव तक पहुंच रहे हैं। जनता पूरी बात समझ चुकी है।
0 क्या इस मामले में आप राज्य सरकार से शिकायत करेंगे?
00 मैं आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो से लेकर भ्रष्टाचार रोधी संस्थाओं से जांच के लिए मांग करूंगा। मुख्यमंत्री से भी मैं व्यक्तिगत रूख कर आर्थिक घोटाले में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने के लिए शिकायत करूंगा।
0 क्षेत्र की जनता इस मुद्दे पर किसके साथ है? क्या आपको लगता है कि भाजपा नेताओं को इस मुद्दे पर अपना रूख साफ करना चाहिए?
00 जनता की समस्या से पूर्ववर्ती भाजपा सरकार का सारोकार नहीं रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह के विधानसभा का यह ज्वलंत मुद्दा है। इस पर उन्होंने चुप्पी साध रखी है। जनता सडक़ की लड़ाई लड़ रही है और विधायक होने के नाते उन्होंने इस पर चर्चा करना भी मुनासिब नहीं समझा। भाजपा नेताओं को निश्चिततौर पर इस मुद्दे पर अपना रूख साफ करना चाहिए।