राजनांदगांव
महिला विधिक जागरूकता पर कार्यशाला आयोजित
राजनांदगांव, 19 मार्च। राष्ट्रीय महिला आयोग के सौजन्य से शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव में गत् दिनों एक दिवसीय महिला विधिक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विषय विशेषज्ञों द्वारा महिलाओं पर होने वाले उत्पीडऩ एवं अत्याचार तथा उनके अधिकारों के हनन एवं कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ (2013) निवारण अधिनियम एवं कारखाना अधिनियम (1948) के अंतर्गत श्रम कानून पर कार्यशाला का मुख्य बिन्दु रहा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पद्मश्री फूलबासन यादव और प्राचार्य डॉ. बीएन मेश्राम ने अध्यक्षता की। विषय विशेषज्ञ सुरेशा चौबे, डॉ. श्रीमांशु दास, शरद श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय महिला आयोग भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा आयोजित कार्यशाला में सहभागिता दी।
प्राचार्य डॉ. बीएन मेश्राम ने कहा कि महाविद्यालय प्रांगण में विधिक जागरूकता कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा प्रायोजित है। जिसमें संविधान द्वारा महिलाओं को प्रदान किए गए कानून की जानकारी न होने से उनके साथ अत्याचार एवं उत्पीडऩ जैसी घटना घटित होती है, जिसे दूर करने में विषय विशेषज्ञों द्वारा संवेदनशील मुद्दों में चर्चा किया जाएगा।
मुख्य अतिथि पद्मश्री फूलबासन यादव ने कहा कि कानूनी बातें अपनी जगह पर है, पर महिलाओं का सबसे बड़ा दुश्मन उनका डर है। उन्हें एकजुटता के साथ हर तरह की समस्याओं का सामना करने के लिए तैयार होना चाहिए।
विषय विशेषज्ञ शरद श्रीवास्तव ने प्रजेन्टेशन प्रस्तुत करते यौन उत्पीडऩ निवारण कानून की जानकारी दी। कार्यशाला के समापन में जिला विधिक प्राधिकरण सचिव व न्यायाधीश प्रवीण मिश्रा ने घरेलू हिंसा महिला उत्पीडन और कारखाना अधिनियम आदि से जुडे वैधानिक पहलुओं का उल्लेख किया।
डॉ. शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना महिला उत्थान एवं जागरुकता है, जिसमें जन-जागृति लाना है।
विजय मानिकपुरी ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग भारत सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यशाला समाज के महिला अधिकारों एवं उनके साथ होने वाले अत्याचार उत्पीडऩ के प्रति जागरुक करने के लिए यह आयोजन है।
डॉ. एके मंडावी ने कहा कि ऐसे आयोजन से जन-जागृति जाएगी। कार्यशाला का संचालक प्रो. विजय मानिकपुरी और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नीलू श्रीवास्तव द्वारा किया गया।