राजनांदगांव
सालभर पहले भाजपा से कांग्रेस में हुआ था शामिल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 मार्च। जिले के छुरिया नगर पंचायत में आरएसएस कार्यकर्ता को एल्डरमेन नियुक्त किए जाने से कांग्रेस में घमासान मच गया है। बताया जा रहा है कि एल्डरमेन नियुक्त हुए युवक ने बीते वर्ष नगरीय निकाय चुनाव से पूर्व ही कांग्रेस का दामन थामा था। वह आरएसएस का कट्टर कार्यकर्ता भी रहा।
मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने छुरिया नगर पंचायत में घनश्याम भास्कर, परमेश्वर ठाकुर और शकील कुरैशी को नामांकित पार्षद नियुक्त किया है। जिसमें परमेश्वर ठाकुर करीब सवा साल पहले हुए निकाय चुनाव से पहले भाजपा से इस्तीफा दिया था। वह छुरिया नगर पंचायत के वार्ड नं. 11 के निवासी हैं। उनका पूरा परिवार भाजपा का कट्टर समर्थक रहा है। इस बीच निकाय चुनाव से पहले क्षेत्रीय विधायक छन्नी साहू के कार्यशैली से प्रभावित होकर परमेश्वर ठाकुर ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। बताया जा रहा है कि नामांकित पार्षदों के मनोनयन से नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा खफा हैं।
चर्चा है कि पार्टी ने श्रीमती सिन्हा की नियुक्ति से पूर्व राय नहीं ली गई। नतीजतन एल्डरमेन की सूची में परमेश्वर ठाकुर का नाम देखकर कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ताओं का होश उड़ गया। बताया जा रहा है कि परमेश्वर ठाकुर की नियुक्ति विधायक छन्नी साहू की पसंद पर हुई है। इस संबंध में नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सिन्हा ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में होने के बाद वह इस विषय पर बात करेंगे।
गौरतलब है कि श्रीमती सिन्हा और क्षेत्रीय विधायक छन्नी साहू के मध्य अंदरूनी खींचतान सर्वविदित है। श्रीमती सिन्हा खुज्जी विधानसभा से टिकट के लिए दावा करती रही है। यही कारण है कि दोनों के बीच राजनीतिक रिश्तों में लगातार खटास बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के कुछ नेता संगठन से शिकायत भी करने की तैयारी में है। परमेश्वर ठाकुर की नियुक्ति से कांग्रेस के क्षेत्रीय नेता हैरत में है। यहां यह बता दें कि प्रदेश में कुछ माह पहले जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति में भाजपा समर्थकों को भी जगह मिल गई थी। इस मामले को लेकर कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई। छुरिया नगर पंचायत में कांगे्रस का दबदबा है। श्रीमती सिन्हा लगातार दूसरी बार अध्यक्ष निर्वाचित हुई है। ऐसे में उनकी पसंद के अनुरूप संगठन में नियुक्ति नहीं होने से वह नाराज हो गई है। दबे स्वर वह नियुक्ति को लेकर विरोध कर रही है।