दुर्ग
![अभिषेक हत्या, 31 को फैसला अभिषेक हत्या, 31 को फैसला](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1616327401G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 21 मार्च। बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड मामले में अभियोजन व बचाव पक्ष के बीच बहस होने के बाद विचारण प्रक्रिया समाप्त हो गई है। इस हाई प्रोफाइल मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने फैसले की तारीख 31 मार्च तक कर दी है।
इस दौरान बचाव पक्ष द्वारा पुलिस विवेचना पर विशेष सवाल उठाए गए। बचाव पक्ष की ओर से बी.पी. सिंह ने कहा कि पूरा प्रकरण महज मेमोरेंडम पर आधारित है। पुलिस यह बताने में अक्षम हो रही है कि यह मेमोरेंडम किसने लिखा है। विवेचना अधिकारी डीके साहू से पूछने पर वे अदालत को बता नहीं पाए हैं कि मेमोरेंडम किसने लिखा। उन्होंने पुलिस की जब्ती प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। बचाव पक्ष द्वारा उठाए गए सवाल पर अभियोजन पक्ष यह भी स्पष्ट नहीं कर पाया कि जिस स्थान पर शव उत्खनन किया जा रहा था, उस जगह को इशारा करके बताने वाला नकाबधारी व्यक्ति कौन था। तहसीलदार को शव उत्खनन करने का अधिकार न होने पर भी इनके समक्ष शव का उत्खनन किया जाना बचाव पक्ष ने उचित नहीं माना। स्मृति नगर के जिस मकान में शव बरामद हुआ था, पुलिस का कहना है कि आरोपियों की निशानदेही पर लाश की बरामदगी की गई है।
उसी मकान में किराए पर रहने वाली महिला का कहना था कि जिस स्थान से शव बरामद हुआ, वहां किसी का भी आना जाना संभव है, परंतु पुलिस इस क्षेत्र को बंद क्षेत्र बता रही है। बचाव पक्ष ने पुलिस द्वारा एवं मोबाइल कंपनी के अधिकारियों द्वारा बताए जा रहे आरोपियों के मोबाइल टॉवर लोकेशन को भी गलत बताया।
बी.पी. सिंह ने अदालत को बताया कि किम्सी जैन को पुलिस ने अभिषेक से फोन पर बात करने को महत्वपूर्ण मानते हुए इसे आधार बनाया है, परंतु किम्सी जैन अभिषेक मिश्रा से टेनिस स्पॉन्सर को लेकर बात करती थी। इस आधार पर उसे आरोपी नहीं ठहराया जा सकता है।