राजनांदगांव
कमला कॉलेज में ऑनलाइन संगोष्ठी आयोजित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 मार्च। शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के भूगोल विभाग द्वारा विश्व वानिकी दिवस के महत्तम परिप्रेक्ष्य में समसामयिक विचार-विमर्श के लिए प्राचार्य डॉ. सुमन सिंह बघेल के प्रमुख संरक्षण तथा विभागाध्यक्ष प्रो. कृष्ण कुमार द्विवेदी के मुख्य संयोजन में ऑनलाइन विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
प्रो. कृष्ण कुमार द्विवेदी ने वनों को प्राकृतिक पर्यावरण का महासंतुलक तथा मानव सभ्यता के संवर्धन और समविकास में महत्तम उपयोगिता की विचार चर्चा करते कहा कि वन है तो जल है, मिट्टी है तो प्राणवायु है और सर्वजन सहित सभी जीव-जंतुओं का अस्तित्व भी है। वन बचेंगे, तभी मानव सभ्यता भी सुरक्षित रहेगी।
डॉ. कृष्णानंदन प्रसाद ने बताया कि समग्र पृथ्वी पर प्राकृतिक वनों की सघनता-गहनता ही पृथ्वी को जीवंत ग्रह बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वनों का संरक्षण-संवर्धन सामयिक दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है। जरूरी होगा कि घर-आंगन परिसर में थोड़ी-थोड़ी हरियाली बढ़ाकर ही हम सभी नैसर्गिक सौंदर्य की रसानुभूति सहजता से कर सकते हैं। विशेषकर फल-फूल वाले पेड़ लगाकर घर-परिसर का वास्तविक सौंदर्य बढ़ा सकते हैं।
विचार संगोष्ठी में प्राध्यापक महेन्द्र कुमार मेश्राम ने दैनिकचर्या से लेकर संपूर्ण जीवन क्रम में वन संसाधन एवं उसके उत्पाद की उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डालते बताया कि वन वृक्ष समूह ही प्राकृतिक चक्रों विशेषकर आक्सीजन चक्र, वर्षा चक्र, नाईट्रोजन चक्र आदि को क्रियाशील रखते पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।
प्रभारी प्राचार्य डॉ. शकुंतला त्रिपाठी ने कहा कि बढ़ते नगरीकरण, औद्योगिकीकरण तथा थोथे भौतिक विकास के कारण वन क्षेत्र में भारी कमी आई है और इस वन विनाश के कारण ही भूमंडलीय तापन, जलवायु परिवर्तन जैसी पर्यावरणीय समस्याएं सामने आयी है। इसके लिए हर घर आंगन में पंचवृक्ष लगाने का अभियान मन प्राण से चलाना होगा और घर-घर में हमारी पुरातन परंपरा तुलसी, केला, आम, नीम और पुष्प पौधों का रोपण, संवर्धन करना ही होगा।
संगोष्ठी में छात्राओं ने भी विशेषकर निशा गौतम, मोना साहू, कुसुमलता तथा सुलभा वैष्णव की प्रमुख वैचारिक उपस्थिति के साथ 50 से अधिक छात्राओं ने भी सक्रिय सहभागिता की। विचार संगोष्ठी का श्रेष्ठ संचालन प्रो. कृष्ण कुमार द्विवेदी ने किया।