दुर्ग

आंगनबाड़ी के बच्चे किसी से कम नहीं-ताम्रध्वज
22-Mar-2021 5:04 PM
आंगनबाड़ी के बच्चे किसी से कम नहीं-ताम्रध्वज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उतई, 22 मार्च। 
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं को आर्थिक ,सामाजिक रूप से सशक्त करने के लिए चलाई जा रही योजना व कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन की झलक ग्राम धनोरा में 20 मार्च को  आयोजित महिला जागृति शिविर में दिखाई दी । एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग ग्रामीण ,जिला -दुर्ग द्वारा आयोजित शिविर में महिलाएं तमाम विपरीत परिस्थितियों और कठिनाइयों से जूझते हुए  समाज और देश के लिए किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यो को व्यक्त कर भाव विभोर हुए । 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू   ने कहा कि आज आंगनबाड़ी से पढक़र निकले बच्चे किसी भी क्षेत्र में पीछे नही है जिसका उल्लेखनीय उदाहरण आज के इस कार्यक्रम में दिख रहा है । आंगनबाड़ी  केंद्र के बच्चे भी  किसी प्राइवेट  स्कूल या नर्सरी से कम नहीं है । आंगनबाड़ी  केंद्रों में कार्यकर्ता व सहायिका के माध्यम से ही बच्चो के सर्वांगीण विकास की नींव रखी जाती है जो आगे चलकर ही सुसभ्य व संस्कारवान  समाज के निर्माण में सहायक होते हैं।

शालिनी रिवेन्द्र यादव, अध्यक्ष जिला पंचायत ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका जिन्होंने उत्कृष्ट कार्य किया है और महिलाओं एवं बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए अल्प मानदेय में दिन रात कार्य करती हैं इन्हें सम्मनित करने से समाज की सभी महिलाओं का सम्मान है इस  सम्मान से कायकर्ता/सहायिका बहन जरूर प्रोत्साहित होंगी और आगे निस्वार्थ भाव से कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी।

देवेन्द्र देशमुख अध्यक्ष जनपद  पंचायत दुर्ग ने कहा कि विगत 2 वर्षों में महिला एवं बाल विकास विभाग ने उल्लेखनीय कार्य किया है 148 बेटियों का विवाह कराया गया है, कुपोषण जो कि 2 वर्ष पहले 15 फीसदी था अथक प्रयास करते हुए आज दुर्ग जिला में सबसे कम कुपोषण दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में है इसका पूरा श्रेय परियोजना अधिकारी व उनकी टीम को जाता है। विपिन जैन जिला कार्यक्रम अधिकारी  ने सभी महिलाओ कोबधाई देते हुए बेहतर कार्य करने के प्रोत्साहित किया। अजय कुमार साहू परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग (ग्रामीण) ने बताया कि महिलाएं जो कि परिवार की महत्वपूर्ण कड़ी होती है पूरे परिवार को बेहतर बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करती हैं पर उसे उतना प्रोत्साहन नही मिल पाता है साथ ही परिवार के कार्यों में इस कदर डूबे रहते हैं कि स्वयं के बारे में सोचने का मौका नहीं मिलता हैं इन्ही सब को ध्यान में रखते हुए महिलाएं स्वतंत्र तरीके से अपनी प्रतिभा व कार्यों को व्यक्त कर सके, इस कारण यह शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर में 25 सर्वश्रेष्ठ महिलाएं जिन्होंने सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया उसे श्रीफल, शाल व सम्मान पत्र के साथ सम्मानित किया गया। अतिथियों के माध्यम से 11 महिला स्व सहायता समूहों को छत्तीसगढ़ महिला कोष ऋण का चेक तथा 3 महिलाओं को सक्षम योजना अंतर्गत चेक प्रदान किया गया। वर्तमान में पोषण अभियान के तहत पोषण उत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत 10 गर्भवती माताओं की गोदभराई व 10 बच्चों का अन्नप्राशन कराया गया।

भेंट स्वरुप माताओं को साड़ी व बच्चों को बाबा सूट प्रदान किया गया। विधि प्रदर्शन में 20 प्रकार की भाजियों एवं 25 प्रकार के छत्तीगसढी व्यंजन का भी प्रदर्शन किया। साथ ही महिलाकोष  अंतर्गत कार्यरत महिला समूहों द्वारा बैग, आर्टिफिशियल ज्वेलरी अन्य उत्पादो की भी प्रदर्शनी लगाई गई। पोषण अभियान के तहत पोषण टुकनी पूरे कार्यक्रम स्थल में लगाया गया जो कि लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। परियोजना के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण टुकनी रखा गया जिसमें ग्रामीणजन स्थानीय सामग्री जैसे फल, सब्जी, भाजी व अन्य उपयोगी खाद्य पदार्थ को स्वेच्छा से रखा जाता है जिसका सदुपयोग आंगनबाड़ी के बच्चों व गर्भवती माताओं को दिये जाने वाले गर्मभोजन में किया जाता हैं जिससे समुदाय का जुड़ाव आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ सहज तरीके से हो पाता है। कार्यक्रम में 6 प्रकार के खेलों का भी आयोजन किया गया। सभी विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किया गया। 
 

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