राजनांदगांव
![किसी को सकारात्मकता की ओर लाना भी बड़ा कौशल- मलाथेस किसी को सकारात्मकता की ओर लाना भी बड़ा कौशल- मलाथेस](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1616582600jn__3.jpg)
दो दिवसीय मनोरोग प्रशिक्षण कार्यशाला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 मार्च। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले में ‘जीवन कौशल और आत्महत्या की रोकथाम’ विषय पर केंद्रित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला विशेषकर सोशल वर्कर, सायकेट्रिक नर्स और कम्युनिटी मोबिलाइजर को प्रशिक्षण देने के लिए है। प्रशिक्षण कार्यशाला के पहले दिन आत्महत्या करने से पूर्व मन-मस्तिष्क में उपजने वाले नकारात्मक विचारों पर नियंत्रण को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कम्युनिटी मेंटल हेल्थ टेली मेंटोरिंग प्रोग्राम (चैम्प) के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साईंस (निमहांस), बेंगलुरु के डॉ. मलाथेस शामिल हुए। वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी की उपस्थिति में प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। मनोरोग पर आधारित प्रशिक्षण कार्यशाला के पहले दिन आत्महत्या की रोकथाम पर जोर देते विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। आत्महत्या करने से पूर्व मस्तिष्क में उपजने वाले नकारात्मक विचारों के लक्षण तथा इस पर नियंत्रण के उपाय बताए गए।
डॉ. मलाथेस ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य कौशल विकास है। किसी मनोरोगी को नकारात्मक विचारों से हटाकर सकारात्मक विचारों के प्रति प्रेरित करना अपने आप में किसी महत्वपूर्ण कौशल से कम नहीं है। प्रशिक्षण के बाद इसी क्रम को प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाना है तथा प्रशिक्षण में मिली जानकारी को हुनर के रूप में इस्तेमाल करना है।
डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि मनोविकार से पीडि़तों की उपचार संबंधी सहायता के लिए जिले में विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने के लिए भी हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सबसे पहले जीवन कौशल के विषय को गहराई से समझना होगा।
मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला सलाहकार विकास राठौर ने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य नए साथियों को जीवन कौशल के साथ-साथ आत्महत्या की रोकथाम का प्रयास करते आत्महत्या के पूर्व किए जाने वाले संकेतों को पहचानना और जीवन कौशल के साथ जीवन को नई दिशा देना है।
उन्होंने अपील की है कि समाज के सभी वर्गों के लोग जुडक़र आत्महत्या करने वाले नागरिकों की रोकथाम के लिए गेट कीपर का काम करें। कार्यशाला में जिले के मानपुर, मोहला, अंबागढ़ चौकी, डोंगरगांव और घुमका विकासखंड से मेडिकल आफिसर व ग्रामीण चिकित्सा सहायक तथा थामेश वर्मा उपस्थित थे।