दुर्ग
![प्रदेश में 43 हजार गठान पुराने बारदाने में चावल लिया जाएगा प्रदेश में 43 हजार गठान पुराने बारदाने में चावल लिया जाएगा](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1616923647G_LOGO-001.jpg)
नये बारदाने के अड़ंगा की वजह से आधे ही चावल हो पाया है जमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 28 मार्च। अब एफसीआई पुराने बारदाने में राज्य से चावल लेने राजी हो गया है। प्रदेश में तिरालिस हजार गठान पुराने बारदाने में चावल जमा लिया जाएगा। बारदाने में ही चावल जमा लेने के अड़ंगा की वजह से मिले लक्ष्य का आधा चावल ही एफसीआई को जमा हो पाया है।
जानकारी के अनुसार खरीफ वर्ष 2020 में उपार्जित धान का चावल अभी तक एफसीआई पुराने बारदाने में चावल जमा नहीं लिया था सिर्फ नए बारदाने में ही चावल जमा लिए जा रहे थे, जबकि नए बारदाने का अभाव है। पुराने बारदाने में चावल जमा नहीं लेने से प्रदेश भर में चावल मिलिंग का काम इसकी वजह से बुरी तरह प्रभावित रहा, जिसका असर राइस मिलों से निकलने वाले विभिन्न प्रकार के उत्पाद से जुड़े अन्य उद्योगों एवं व्यवसाय पर भी देखा जा रहा है। वहीं संग्रहण एवं उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव पर भी इसका असर पड़ा है। लगभग 22 लाख क्विंटल धान उपार्जन एवं संग्रहण केन्द्रों में पड़े हैं। राज्य द्वारा लगातार पुराने बारदाने में चावल लेने की मांग की जा रही थी। इसके बावजूद नए बारदाने के नाम पर गतिरोध जारी रहने से अनेक प्रकार की जो दिक्कतें आ रही थी, वह अब दूर होने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार दुर्ग जिले में कुल 4072525 क्विंटल धान उपार्जित किया गया था। इनमें से उपार्जन केंद्रों से ही मिलरों को 2890554 क्विंटल धान कस्टम मिलिंग के लिए प्रदान किया गया था। जिले के उपार्जन केंद्रों में अभी भी 734030 क्विंटल एवं संग्रहण केंद्रों में 1448916 क्विंटल, इस प्रकार लगभग 22 लाख क्विंटल धान अभी भी शेष है। कस्टम मिलिंग का जिले से एफसीआई को 1600000 क्विंटल उसना चावल जमा करने का लक्ष्य है, जिसके विरुद्ध अब तक 858598 क्विंटल ही चावल जमा हो पाया है। अरवा चावल 1600000 क्विंटल जमा होना था, जिसके विरुद्ध विरुद्ध 12 लाख क्विंटल चावल जमा हो पाया है।