राजनांदगांव
![गांवों की सीमाएं सील, लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध गांवों की सीमाएं सील, लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1619275151jn__5__B.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 24 अप्रैल। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दूसरे दौर में तेजी से फैल रहे संक्रमण व मृत्यु दर में हुई वृद्धि ने लोगों को भयभीत कर दिया है। गांवों में संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। गांवों में लोगों ने अपनी सामाजिक व्यवस्था व नियमों के तहत कड़ाई करते गांव के किसी व्यक्ति का बाहरी गांव आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं बाहरी व्यक्ति को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।
ब्लॉक में दर्जनों गांव ऐसे हैं, जहां लॉकडाउन तक अन्य गांव व नगरों में आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चिखली के पवन ठाकुर ने बताया कि उनके गांव में गांव की व्यवस्था व नियम के तहत संक्रमण की रोकथाम के लिए गांव से बाहर जाने की मनाही कर दी गई है और बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है।
गुंडरदेही व कोटरा ऐसे गांव है जहां गांव स बाहर जाने एवं आने वालों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। गुंडरदेही गांव की सीमा से लगे व पखवाड़ेभर से कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ बांधाबाजार में आने-जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। नियम तोडऩे पर गांव की पंचायत के हिसाब से दंड का भी प्रावधान सुनिश्चित कर दिया गया है। ब्लॉक के कई गांव ऐसे हैं, जहां बाहरी लोगों के गांवों में प्रवेश रोकने मार्गों में तार, वृक्ष की टहनियां व बांस का स्टॉपर लगाया गया है।
गांव का नियम तोडऩे पर 10 हजार तक दंड का प्रावधान
ब्लॉक में कई गांव ऐसे हैं, जहां संक्रमण की रोकथाम के लिए ग्रामीण व्यवस्था व गांवों के नियमों के तहत दंड का प्रावधान कर दिया गया है। ब्लाक के बांधाबाजार से सटे गुंडरदेही, कोटरा, जोरातराई सहित दर्जनों गांव में लोगों ने संक्रमण की रोकथाम के लिए गांव से बाहर आने-जाने व दीगर गांव के बाहरी व्यक्तियों को गांवों में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। गांव की पंचायती के अनुसार नियम तोडऩे वाले परिवारों पर दंड का प्रावधान रखा गया है।
बताया जाता है कि यह दंड 5 से 10 हजार रुपए तक रखा गया है। जिससे लोग नियम तोडऩे के लिए सोच भी न सके। हालांकि कानून इसकी इजाजत नहीं देता, पर संक्रमण की रोकथाम के लिए गांवों में की गई यह कड़ाई व चेतावनी संक्रमण की रोकथाम की दिशा में कारगार साबित हो रही है। टीआई आशीर्वाद रहटगांवकर ने कहा कि गांवों में लॉकडाउन व संक्रमण की रोकथाम के लिए कोरोना प्रोटोकाल का ईमानदारी से पालन हो रहा है। कई गांवों में स्थानीय व्यवस्थाओं के तहत प्रवेश मार्गों में पत्थर व टहनिया रखकर सीमा को सील किया गया है।