राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 जून। शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय राजनांदगांव में 19 जून को प्राचार्य डॉ. आईआर सोनवानी के मार्गदर्शन में ‘जल संरक्षण की आवश्कता एवं संभावनाएं’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार (ऑनलाइन) का आयोजन प्राणीविज्ञान, वनस्पति विज्ञान एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
प्राचार्य डॉ. सोनवानी ने कहा कि जल ही जीवन है, जल है तो आज है और कल है, एक वृक्ष दस पुत्र के समान होता है, जल प्रकृति का दिया हुआ अनमोल उपहार है, जल प्राकृतिक संसाधानों में से प्रमुख है। मुख्य अतिथि प्रो. एडीएन बाजपेयी ने कहा कि शरीर के प्रत्येक अंग में 70 प्रतिशत पानी है, जल बचत को व्यवहार में लाना आवश्यक है, वर्षा जल का संग्रहण व संरक्षण किया जाए तो काफी हद तक जल संकट से मुक्ति पा सकते हैं। डॉ. अवकाश कुमार ने पर्यावरण क प्रकार, प्राकृतिक संसाधानों, जल के गुणात्मक व संख्यात्मक प्रभाव, जल बचत के तरीके, जल बचाना क्यो आवश्यक है, जल प्रदूषण व जल प्रदूषकों के बारे में स्लाड के माध्यम से बताया। डॉ. केके साहू, डॉ. विमल कानूनगो ने भी अपने विचार रखे। वेबीनार को सफल बनाने में महाविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का पूर्ण सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. एसआर कन्नोजे तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. स्वाति तिवारी ने किया।