राजनांदगांव
मूर्ति और धार्मिक ग्रंथों को स्पर्श करने मनाही
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 जून। कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में कमी को देखते कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने जिले में स्थित पूजा और धार्मिक स्थल संचालन की अनुमति शर्तों के अधीन दी है। वहीं पूजा व धार्मिक स्थलों में एक समय में अधिकतम 5 व्यक्तियों के प्रवेश की अनुमति रहेगी। वहीं मूर्ति, धार्मिक ग्रंथों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा भीड़भाड़ की स्थिति नहीं करने तथा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। धार्मिक, पूजा स्थल के भीतर प्रसाद वितरण एवं पवित्र जल का छिडक़ाव करने की अनुमति नहीं होगी।
आदेश में कहा गया कि प्रवेश द्वार पर सेनेटाईजर डिस्पेंसर एवं थर्मल स्कीनिंग की व्यवस्था, परिसर में केवल अलक्षण (बिना लक्षण वाले) व्यक्तियों को प्रवेश, फेस कव्हर, मॉस्क का उपयोग, कोविड-19 के निवारक उपायों के बारे में पोस्टर, बैनर, स्टैंडी, जागरूकता फैलाने ऑडियो, वीडियो क्लिप को नियमित चलाने, आगंतुकों को परिसर में क्रमश: एक के बाद एक ही प्रवेश, एक समय में अधिकतम 5 व्यक्तियों के प्रवेश, परिसर के भीतर भीड़ इकठ्ठा नहीं करने, स्वयं के वाहन से आने वाले श्रद्धालुओं के जूते, चप्पल उनके वाहन में ही रखने, अन्य श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग स्लाट अनुसार जूते-चप्पल रखने, परिसर के बाहर एवं पार्किंग स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग, फिजिकल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते उचित भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।
इसके अलावा परिसर के बाहर एवं भीतर स्थित सभी दुकान, स्टाल, कैफेटेरिया आदि में हमेशा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन, कतार व्यवस्था एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने परिसर में चूने या अन्य किसी अन्य उचित रंग से गोल घेरा, सर्कल, निशान लगाने, प्रवेश हेतु कतार में खड़े होने वाले व्यक्तियों के मध्य न्यूनतम 6 फीट की शारीरिक दूरी, आगंतुकों को परिसर में प्रवेश करने से पहले अपने हाथों और पैरों को साबुन और पानी से धोना, एयर कंडिशनिंग, वेंटीलेशन के लिए सीपीडब्ल्यूडी के दिशा-निर्देश का पालन करने के निर्देश दिए।
वहीं मूर्ति, धार्मिक ग्रंथों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी। धार्मिक स्थलों में बड़ी सभाएं, मंडली कार्यक्रमों का आयोजन प्रतिबंधित होगा। संक्रमण फैलने की संभावना को देखते जहां तक संभव हो रिकॉर्ड किए गए भक्ति संगीत, गाने बजाये जा सकते हैं। परिसर के भीतर लोगों से मिलते-जुलते समय फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करने, धार्मिक पूजा स्थल के भीतर सार्वजनिक चटाई, दरी के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। आगंतुक अपने साथ स्वयं की चटाई, दरी ला सकते हैं। धार्मिक, पूजा स्थल के भीतर प्रसाद वितरण एवं पवित्र जल का छिडक़ाव करने की अनुमति नहीं होगी। धार्मिक, पूजा संस्थान के प्रबंधन द्वारा धार्मिक, पूजा स्थल की नियमित साफ-सफाई एवं डिसइंफेक्शन की व्यवस्था की जाए। परिसर के फर्श को विशेष रूप से दिन में कई बार साफ किया जाए। आगंतुकों अथवा कर्मचारियों द्वारा उपयोग फेस कव्हर, मॉस्क, दस्तानों को उचित निपटान हेतु व्यवस्था सुनिश्चित की जाए तथा वेक्सीनेशन (टीकाकरण) हेतु प्रेरित किया जाए। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।